बाढ़ में डूब गई है कार? जानिए बीमा क्लेम करने का क्या है नियम
पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में बाढ़ का प्रकोप देखने को मिला है। इसमें कई लोगों की गाड़ियां भी डूब गई हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या उनके बीमा में गाड़ी डूबने का क्लेम शामिल है? अगर आपकी भी गाड़ी ऐसे ही किसी बाढ़ में डूब गई है तो हम आपको बताएंगे की आप किस तरह बीमा क्लेम कर सकते हैं। आइये इसके बारे में जानते हैं।
वाहन बीमा लेते समय इस बात का रखें ध्यान
वाहन बीमा लेते समय केवल चोरी या मामूली टूट-फूट के बारे में ही ना सोचें। इस बात का भी ध्यान रखें कि जो बीमा आप ले रहे हैं, वो बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से भी आपकी गाड़ी को सुरक्षा प्रदान कर सके। बाजार में ऐसी कई बीमा पॉलिसी मौजूद हैं, जो बाढ़ के दौरान हुए नुकसान को कवर करती हैं। इस बात का ध्यान रखकर आप बाढ़ से गाड़ी को हुए नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी से करवा सकते हैं।
इंजन प्रोटेक्टर कवर लिया है तो मिलेगा फायदा
जानकारों की मानें तो वाहन बीमा लेते समय ऑन डैमेज (Own damage) कवर लेना बेहद जरूरी है। इसके न होने से अगर पानी या अन्य किसी कारण से इंजन सीज होता है तो वाहन मालिक को इसका पूरा खर्चा जेब से भरना पड़ता है। ऐसे में इंजन प्रोटेक्टर कवर लेकर इसकी भरपाई की जा सकती है। आप जिन चीजों को कवर करना चाहते हैं, उनके लिए उपलब्ध ऐड-ऑन के साथ ही अपनी बीमा पॉलिसी लें।
ऐसे क्लेम करें बीमा कवर
जब भी आप कोई बीमा पॉलिसी लेते हैं तो आपको एक पॉलिसी नंबर मिलता है। अगर बाढ़ या पानी से इंजन खराब हो गया है तो सबसे पहले संबंधित बीमा कंपनी के टोल-फ्री नंबर पर कॉल करें और क्लेम के लिए रजिस्टर करें। कंपनी की वेबसाइट से क्लेम फॉर्म डाउनलोड करें और इसे भरकर गाड़ी के पेपर्स के साथ जमा करें। आप ऑफलाइन भी क्लेम फॉर्म भर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको बीमा कंपनी के ऑफिस जाना पड़ेगा।
बीमा कंपनी करेगी वाहन की जांच
बीमा क्लेम करने के बाद कंपनी किसी व्यक्ति को आपके वाहन की जांच करने भेजेगी। इसके लिए आपके वाहन का एक वीडियो भी बनाया जाएगा। इस दौरान सभी दस्तावेज अपने पास रखें। वाहन का सर्वे पूरा होने पर जांच के लिए आया व्यक्ति अपनी रिपोर्ट बीमा कंपनी को देगा और ऐसा करने के बाद आपका बीमा क्लेम आ जायेगा। बता दें कि कंपनी के आधार पर यह प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
अगर आपकी कार बाढ़ में डूब गई थी तो इसे स्टार्ट करने की कोशिस ना करें। इससे शार्ट सर्किट होने का खतरा है। साथ ही बैटरी को भी गाड़ी से अलग कर दें।