महिंद्रा एंड महिंद्रा कैसे बनी भारत में दिग्गज ऑटो कंपनी, जानिए कंपनी का इतिहास
महिंद्रा एंड महिंद्रा वर्तमान में देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी में से एक है। कंपनी इस समय कमर्शियल वाहनों के अलावा डीजल, पेट्रोल से लेकर इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण कर रही है। इसकी शुरुआत 1945 में महिंद्रा एंड मोहम्मद के नाम से की गई थी। 1948 में इसका नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड कर दिया गया, जिसकी कमान अब आनंद महिंद्रा के हाथों में है। आइये आज इस दिग्गज कंपनी के इतिहास के बारे में जानते हैं।
1945 में रखी गई थी नींव
इस समय महिंद्रा देश में बेहतरीन गाड़ियों के उत्पादन के लिए जानी जाती है, लेकिन आज से करीब 78 साल पहले इस कंपनी की शुरुआत एक स्टील बनाने वाली कंपनी के रूप में हुई थी। गुलाम मोहम्मद और कैलाश चंद्र महिंद्रा ने 1945 में महिंद्रा एंड मोहम्मद नाम से इस कंपनी की शुरुआत की। भारत के विभाजन के बाद मोहम्मद ने पाकिस्तान जाने का फैसला किया। इसके बाद 1948 में कंपनी का नाम बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा रख दिया गया।
1948 में शुरू हुई विलिस जीप की असेंबली
शुरुआत में कंपनी इंग्लैंड की कंपनियों के साथ मिलकर स्टील का व्यापार करती थी। इसे बाद 1948 में ही कंपनी ने भारत में विलिस जीप असेंबली शुरू कर दी। अधिक मांग के कारण 1949 में कंपनी विलिस जीप के उत्पादन का लाइसेंस प्राप्त कर इसे भारत में बनाने लगी। बता दें कि यह देश की पहली ऑफ-रोडिंग वाली कार थी, जो 4-व्हील ड्राइव फीचर्स के साथ आती थी। बाद में कंपनी ने इसका लाइसेंस एक जापानी कंपनी को दे दी।
1961 में कंपनी ने बनाया पहला ट्रैक्टर
जीप की सफलता के बाद महिंद्रा अमेरिका की एक कंपनी हार्वेस्टर के साथ मिलकर ट्रैक्टर का उत्पादन शुरू कर दिया है। इसके साथ-साथ कंपनी ने खेतों में उपयोग होने वाली मशीनें और औजार भी बनाना शुरू किया। ट्रैक्टर के उत्पादन के करीब 20 साल के भीतर ही कंपनी दुनियां की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता में से एक बन गई। 1983 तक महिंद्रा ने 50 से अधिक देशों में अपने ट्रैक्टर की बिक्री शुरू कर दी।
1990 ने SUVs बनाना शुरू की कंपनी
1990 तक धीरे-धीरे देश में गाड़ियों की मांग तेज हो गई और इस वजह से कंपनी ने फिर ऑटोमोबाइल सेक्टर में कदम रखा। 1990 में कंपनी ने अपनी पहली SUV अर्माडा लॉन्च की। उस समय SUVs का चलन अधिक नहीं था। हालांकि, कंपनी की अर्माडा (मार्शल) की बिक्री हुई। इसके बाद 2000 में महिंद्रा बोलेरो SUV को मॉडर्न डिजाइन और फीचर्स के साथ लाया गया, जो कि बड़ी कार की ख्वाहिश रखने वालों की पहली पसंद बन गई।
2002 लॉन्च हुई महिंद्रा स्कॉर्पियो
महिंद्रा ने अपनी स्कॉर्पियो SUV का उत्पादन 2002 में शुरू किया। इसमें 2.2-लीटर m-हॉक इंजन वाली यह कार एक बड़ी सफल कार बन गई। पहला वैश्विक उत्पाद होने के नाते, कंपनी ने सुनिश्चित किया कि इसमें वह सभी सुविधाएं होंगी, जो एक स्टैंडर्ड SUV में होनी चाहिए। यही कारण है कि 2002 तक SUV के विकास पर 550 करोड़ खर्च किए गए थे। आज भी ग्राहकों की पसंद बनी हुई है और इसकी जमकर बिक्री होती है।
2010 में आई महिंद्रा थार
महिंद्रा थार को 4X4 सेगमेंट में एक बेहतरीन गाड़ी माना जाता है। इसे 2010 में लॉन्च किया गया। इस दौर में महिंद्रा थार को टक्कर देने के लिए मारुति सुजुकी की पॉपुलर जिप्सी 4X4 मौजूद थी। महिंद्रा थार को दो डीजल इंजन विकल्प दिए गए थे, जिसमें 2.6-लीटर और एक 2.5-लीटर इंजन शामिल था। दोनों इंजन 63hp की पावर और 182Nm का टार्क जनरेट करने में सक्षम थे। आज भी इसकी खूब मांग है।
2013 में इलेक्ट्रिक वाहन बनाना शुरू
महिंद्रा एंड महिंद्रा की इलेक्ट्रिक कार डिवीजन महिंद्रा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जिसके तहत देश की पहली इलेक्ट्रिक कार 'महिंद्रा रेवा' का उत्पादन में किया गया। यह कार 2013 में लॉन्च हुई और मेट्रो शहरों में काफी पॉपुलर हुई। हालांकि, चार्जिंग में समस्या और इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते बाजार में बिक्री कम होने के बाद इसे बंद कर दिया गया। फिलहाल कंपनी XUV400 की बिक्री कर रही है। वहीं कंपनी कुछ नए इलेक्ट्रिक मॉडलों पर भी काम कर रही है।
वर्तमान में इन मॉडलों की बिक्री करती है महिंद्रा
वर्तमान में महिंद्रा भारत में महिंद्रा बोलरो, बोलेरो नियो, थार, XUV300, XUV700, महिंद्रा XUV400, स्कॉर्पियो और स्कॉर्पियो क्लासिक की बिक्री करती है। कंपनी जल्द ही कुछ नई गाड़ियां भी लाएगी।