भारत में क्यों महंगी होती हैं लग्जरी गाड़ियां? जानिए वजह
वर्तमान में बाजार में कई तरह की गाड़ियां उपलब्ध हैं। भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में जहां आपको एक बजट SUV खरीदने में 10 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं। वहीं, कई लग्जरी कार निर्माता कंपनियां अपनी SUVs को एक करोड़ या इससे भी ऊपर तक बेचती हैं। सेडान और अन्य सेगमेंट की गाड़ियों के लिए भी यही बात लागू होती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि लग्जरी गाड़ियां इतनी महंगी क्यों होती है?
बेहतर बिल्ड क्वालिटी
आपको बता दें कि लग्जरी गाड़ियों की कीमतें इसलिए अधिक होती हैं क्योंकि इनकी बिल्ड क्वालिटी साधारण गाड़ियों की तुलना में बेहतर होती है। ये प्रीमियम फीचर्स से लैस होती हैं, जिससे कंपनी इनका उत्पादन करने में अधिक लागत लगती है। लग्जरी कार निर्माता कंपनियां अपनी ग्राहकों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए इन्हे बेहद आरामदायक बनाती हैं। इस वजह से इन्हे लॉग ड्राइव के लिए भी बेहतर माना जाता है।
पावरफुल इंजन
इंजन गाड़ी का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अन्य गाड़ियों की तुलना में लग्जरी गाड़ियों में पावरफुल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इनकी कीमतें बढ़ जाती हैं। जहां एक साधारण कार में 1-लीटर या 2-लीटर पेट्रोल/ डीजल इंजन का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं, लग्जरी कार V4, V6 या V8 इंजन के साथ आती हैं। इनकी परफॉरमेंस इतनी बेहतरीन होती है कि मात्र कुछ ही सेकेंड में यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती हैं।
केबिन और सेफ्टी फीचर्स
कई कंपनियां अपनी गाड़ियों के केबिन में साधारण प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं, लेकिन लग्जरी कार बनाने वाली कंपनियां अच्छे क्वालिटी के प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं। साथ ही इनमें कई सारे सेफ्टी फीचर्स भी दिए जाते हैं, जो दुर्घटना के समय यात्रियों में बचाने में अहम भूमिका निभाती हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि देश में उपलब्ध अधिकांश लग्जरी गाड़ियों को क्रैश टेस्ट में 5-स्टार अंक मिल चुके हैं।
लग्जरी गाड़ियों पर लगने वाला टैक्स
भारतीय बाजार में उपलब्ध अधिकांश लग्जरी गाड़ियां भारत में असेम्बल की जाती हैं। भारत सरकार द्वारा इन गाड़ियों पर 15 प्रतिशत आयत कर लगता है। वहीं, सरकार इन गाड़ियों पर 28 प्रतिशत GST भी लगाती है। इस तरह किसी भी लग्जरी गाड़ी को आयत करके शोरूम में लाने तक कार कंपनी को 43 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। अगर ग्राहक इन गाड़ियों की खरीदता है तो उसे 10 प्रतिशत रोड टैक्स और 1-2 प्रतिशत बीमा शुक्ल देना पड़ता है।
CBU के जरिए आयात की गई गाड़ियों पर लगता है इतना टैक्स
कई गाड़ियां कम्पलीट बिल्ड यूनिट (CBU) के रूप में आयात की जाती हैं। सरकार द्वारा इन गाड़ियों को 100 प्रतिशत आयात कर है। बाद में अन्य टैक्स को जोड़कर इनपर लगभग 120 प्रतिशत तक टैक्स लगता है, जिससे इनकी कीमते काफी बढ़ जाती हैं।