जगुआर लैंड रोवर: 2025 तक इलेक्ट्रिक होने वाली इस कार कंपनी का कैसा रहा है सफर?
जगुआर लैंड रोवर कंपनी को कौन नहीं जानता? यह दिग्गज कंपनी लगभग 75 वर्षों से अधिक समय से वाहनों का निर्माण कर रही है और साल दर साल कंपनी ने बेहतरीन कारें बनाई हैं। बता दें कि 2025 तक कंपनी इलेक्ट्रिक होने वाली है और इसके बाद केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियां ही बेचेगी। वर्तमान में इस कंपनी पर टाटा मोटर्स का मालिकाना हक है। आइये इस दिग्गज कंपनी के इतिहास के बारे में जानते हैं।
कब हुई थी इस कंपनी की स्थापना?
लैंड रोवर स्थापना 1947 में मौरिस विल्क्स और उनके भाई स्पेंसर विल्क्स के की थी। इन्होंने कंपनी की पहली कार के स्केच को वेल्स समुद्रतट पर रेत से बनाया था। कंपनी की गाड़ियों की शुरुआत जीप चेसिस और एक रोवर कार इंजन के साथ हुई थी। विल्क्स भाइयों ने पहली लैंड रोवर गाड़ी में अलॉय से बने साधारण बॉडी पैनल जोड़ने की योजना बनाई और इस वजह से लैंड रोवर की ऑफ-रोडिंग क्षमता बढ़ गई।
1948 में कंपनी ने लॉन्च की थी अपनी पहली कार
एक साल बाद 1948 एम्स्टर्डम मोटर शो में कंपनी ने पहली लैंड रोवर कार लॉन्च की थी। इसके मस्कुलर लुक के कारण लोगों ने इस गाड़ी को काफी पसंद किया। इसमें 1.6-लीटर का पेट्रोल इंजन दिया गया था। 1950 में इस गाड़ी का 4-व्हील ड्राइव वेरिएंट उतारा गया और 1951 में इसमें पावरफुल 2.0 लीटर इंजन जोड़ा गया। वर्तमान में लगभग 70 देशों में कंपनी लैंड रोवर गाड़ी की बिक्री करती है।
इन गाड़ियों से कंपनी को मिली सफलता
इस समय लैंड रोवर ब्रांड के तहत आने वाली सभी गाड़ियों को वैश्विक बाजार में काफी पसंद किया जाता है। कंपनी की लैंड रोवर डिस्कवरी, रेंज रोवर, रेंज रोवर स्पोर्ट्स, लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट्स जैसी गाड़ियों की जबरदस्त बिक्री ने कंपनी को सफलता दिलाने में अहम योगदान दिया है। अब तक कंपनी रेंज रोवर की 10 लाख यूनिट्स और लैंड रोवर की लगभग 18 लाख यूनिट्स की बिक्री कर चुकी है।
कभी इन कंपनियों के तहत काम करती थी लैंड रोवर
2008 से लैंड रोवर कंपनी पर टाटा मोटर्स का मालिकाना हक है। हालांकि, इससे पहले भी कंपनी कई अन्य कंपनियों के तहत भी काम कर चुकी है। साल 1994 में इस कंपनी को BMW ने खरीद लिया था। इसके बाद दोनों कंपनियां मिलकर काम करने लगी। इसके बाद साल 2000 में BMW ने इस कार कंपनी को फोर्ड मोटर्स को बेच दिया। यहां लैंड रोवर, जगुआर, एस्टन मार्टिन और वोल्वो के साथ मिलकर काम करने लगी।
लैंड रोवर कैसे बनी जगुआर लैंड रोवर?
बता दें जगुआर और लैंड रोवर दो अलग-अलग कार निर्माता कंपनियां हैं। साल 2013 में इन दोनों कंपनियों ने साझेदारी कर ली और इसके बाद ये जगुआर लैंड रोवर कंपनी बन गई, जो टाटा कंपनी के अधीन है।
हर साल कितनी गाड़ियां बेचती है जगुआर लैंड रोवर?
जानकारी के लिए आपको बता दें कि जगुआर हर साल लगभग 3.5 लाख से 4 लाख गाड़ियों की बिक्री करती है। हर महीने कंपनी करीब 28,000 से 32,000 गाड़ियों की बिक्री करती है। साल 1960 से ही कंपनी अपनी गाड़ियां भारतीय बाजार में बेचती आ रही है। देश में प्रीमियम गाड़ियां की बिक्री सीमित संख्या में होती है और इस वजह से यह कंपनी अभी भी अपनी गाड़ियों का निर्माण इंग्लैंड में करती है।
देश में उपलब्ध कंपनी की गाड़ियां
कंपनी लैंड रोवर ब्रांड के तहत 7 मॉडलों की बिक्री करती है। इसमें डिस्कवरी, रेंज रोवर, रेंज रोवर स्पोर्ट्स, लैंड रोवर डिस्कवरी स्पोर्ट्स, लैंड रोवर डिफेंडर, रोवर वेलार और वोग जैसी पावरफुल SUVs शामिल हैं। कंपनी अपनी लैंड रोवर और रेंज रोवर के इलेक्ट्रिक मॉडल पर भी काम कर रही है। इसके अलावा कंपनी जगुआर ब्रांड के तहत देश में कंपनी 5 मॉडलों की बिक्री करती है। इसमें जगुआर F-टाइप, जगुआर XF, F-पेस, I-पेस और E-पेस जैसे मॉडल्स शामिल है।