सरकार बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग स्टेशन बढ़ाने को देगी प्राथमिकता, रिपोर्ट में किया दावा
क्या है खबर?
भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र एक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है, जिसके लिए सरकार और उद्योग हितधारक दोनों इसे अपनाने में तेजी लाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में बढ़ावा देने के लिए सरकार बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग बुनियादी ढांचे के विस्तार को प्राथमिकता देगी।
इसको लेकर पिछले दिनों वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें टाटा, TVS, मर्सिडीज-बेंज सहित कई कंपनियों से सुझाव लिए गए।
चिंता
कंपनियों ने जताई यह चिंता
PTI की एक रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों ने निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक मानकों की आवश्यकता के साथ-साथ उनके रणनीतिक प्लेसमेंट के बारे में चिंताएं व्यक्त की है।
सरकार इन मुद्दों से निपटेगी, जिससे EVs उपभोक्ताओं का विश्वास हासिल कर सकें और बाजार की मांग को पूरा कर सकें।
रेंज की चिंता को दूर करने के लिए सरकार FAME-II के तहत पूरे भारत में 10,763 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना है।
EV नीति
सरकार ने लागू की थी नई EV नीति
भारत को एक वैश्विक इलेक्ट्रिक वाहन केंद्र बनाने के लिए पिछले साल मार्च में सरकार ने एक नई EV नीति शुरू की थी।
इसके तहत 50 करोड़ डॉलर (करीब 4,150 करोड़ रुपये) से अधिक का निवेश करने वाली कंपनियों को विभिन्न प्रोत्साहन की पेशकश की गई थी।
इसके जरिए सरकार का टेस्ला जैसी कंपनियों को इलेक्ट्रिक कारों पर आयात शुल्क में छूट देकर भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना है।