देश से होगा लिथियम-आयन बैटरियों का निर्यात, केंद्रीय मंत्री ने कही यह बात
देश में जल्द ही इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए आवश्यक रिचार्जेबल बैटरियों का निर्माण शुरू होगा, जो स्थानीय जरूरत को पूरा करने साथ निर्यात भी होंगी। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 64वें सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत जल्द ही लिथियम-आयन बैटरी निर्यात करने की स्थिति में होगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आएगी और कीमत भी घटेगी। उन्होंने 2030 तक 1 करोड़ EV बिक्री का अनुमान लगाया है।
EVs की पेट्रोल-डीजल वाहनों के बराबर होगी कीमत
केंद्रीय मंत्री ने पिछले दिनों कहा था कि बहुत जल्द देश में EV अपनाने के लिए और सब्सिडी की जरूरत नहीं होगी। गडकरी ने कहा था कि लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतें 150 डॉलर/kwh से घटकर अब लगभग 107-108 डॉलर/kwh तक हो गई है। उन्होंने कहा कि देश में 5 कंपनियों ने लिथियम-आयन बैटरी का निर्माण शुरू कर दिया है और अगले कुछ सालों में इनकी कीमत घटकर 90डॉलर/kwh हो जाएगी। इसके बाद पेट्रोल-डीजल वाहनों की कीमत EV के बराबर होगी।
कंपनियों से स्क्रैपेज सेंटर खोलने का किया आग्रह
SIAM के कार्यक्रम में गडकरी ने स्क्रैपेज पॉलिसी के बारे में बात करते हुए कहा कि सरकार को स्क्रैपेज पॉलिसी में अधिक छूट देने के लिए उद्योग के समर्थन की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि 3 प्रतिशत की छूट न्यूनतम सीमा है और स्क्रैपेज कंपोनेंट लागत को 30-40 प्रतिशत तक कम कर सकता है, जो सरकार और कंपनियों दोनों के लिए फायदेमंद है। उन्होंने वाहन निर्माताओं से देश में अपने स्वयं के स्क्रैपेज केंद्र स्थापित करने का भी आग्रह किया।