#NewsBytesExplainer: एयर कूल्ड सहित कितने तरह के होते हैं बाइक इंजन? जानिए इनमें अंतर
बाइक खरीदते समय आपने ध्यान दिया होगा कि मॉडल के आधार पर इनमें अलग-अलग तरह के इंजन लगे होते है। ऐसे में क्या आपने कभी सोचा है कि ये इंजन कितने तरह के होते हैं और इनके फायदे और नुकसान क्या हैं? दरअसल मोटरसाइकिलों में मुख्य रूप से 3 तरह के इंजन इस्तेमाल होते हैं, जिसमें ऑयल, एयर कूल्ड और लिक्विड कूल्ड इंजन शामिल हैं। आज हम आपके लिए इन्ही तीनों इंजनों की जानकारी लेकर आये हैं।
एयर कूल्ड इंजन
एयर कूल्ड इंजन में हवा की मदद से इंजन को ठंडा रखा जाता है, जिससे राइडिंग के दौरान ये अधिक गरम ना होगा। इस इंजन को ठंडा करने के लिए इसके सिलेंडर के चारों ओर फिन्स लगे होते हैं, जो इंजन की ज्यादातर सतह को हवा के संपर्क में लाते हैं और इसके आस-पास ठंडी हवा को फैलाकर कूलिंग में मदद करते हैं। देश में उपलब्ध अधिकांश बाइक्स में इसी इंजन का इस्तेमाल किया जाता है।
एयर कूल्ड इंजन के फायदे और नुकसान
फायदे:- एयर कूल्ड इंजन सिंपल डिजाइन वाला इंजन है। इस वजह से इसे आसानी से बनाया जा सकता है। साथ ही कम पार्ट्स की वजह से इसका मेंटेनेंस भी कम है। इसके अलावा इस इंजन की कीमत भी कम होती है। नुकसान: वैसे इलाके जहां का तापमान हमेशा ज्यादा होता है, वहां इस तरह के इंजन ज्यादा सफल नहीं हैं। इसके सीज होने का खतरा अधिक रहता है। इस इंजन का इस्तेमाल बड़ी बाइक्स में नहीं किया जा सकता।
ऑयल कूल्ड इंजन
ऑयल कूल्ड इंजन एक साधारण एयर कूल्ड इंजन का अपडेटेड वर्जन है। इसमें इंजन को ठंडा रखने के लिए इनमें बाहर एक छोटा रेडियेटर लगाया जाता है, जो इंजन ऑयल को ठंडा रखने में मदद करता है। आसान भाषा में समझे तो इसमें गर्म इंजन ऑयल पाइप के जरिये रेडियेटर में जाता है और हवा से ठंडा होने के बाद इंजन में वापस चला जाता है। 150cc के अधिक पावर वाले इंजन में इसका इस्तेमाल होता है।
ऑयल कूल्ड इंजन के फायदे और नुकसान
फायदे:- एयर कूल्ड इंजन की तुलना में अधिक प्रभावी है और बेहतर तरीके से इंजन को ठंडा करते हैं। इनका भी मेंटेनेन्स आसान है और कीमत भी एयर कूल्ड इंजन से ज्यादा अधिक नहीं होता। मिड रेंज वाली बाइक्स में ये बेहतर तरीके से कूलिंग प्रदान करता हैं। नुकसान:- ऑयल कूल्ड इंजन का इस्तेमाल भी आप हाई-परफॉर्मेंस बाइक्स में नहीं कर सकते। इसके अलावा हाई-पावर वाली बाइक्स में इसका इस्तेमाल बहुत सीमित रह गया है।
लिक्विड कूल्ड इंजन
लिक्विड कूल्ड इंजन का इस्तेमाल कार, बस और ट्रक में किया जाता है। हालांकि अब इसका इस्तेमाल कई बाइक्स में भी होने लगा है। इसमें इंजन को ठंडा रखने के लिए कूलेंट का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए कूलेंट को इंजन के बहार लगे रेडियेटर में भरा जाता है। रेडियेटर के अंदर से कई छोटे-छोटे पाइप लगे होते हैं, जिनमें से गर्म इंजन ऑयल ठंडा होकर वापस इंजन में चला जाता है।
लिक्विड कूल्ड इंजन के फायदे और नुकसान
फायदे:- लिक्विड कूल्ड इंजन सबसे अधिक प्रभावी इंजन हैं और बेहतर कूलिंग प्रदान करते हैं। वैसे इलाके जहां का तापमान हमेशा ज्यादा होता है, वहां इस तरह के इंजन काफी सफल हैं। नुकसान:- लिक्विड कूल्ड इंजन को बनाना कठिन है और इस वजह से इनकी कीमतें भी अधिक होती हैं। साथ ही इनका मेंटेनेन्स भी काफी अधिक रहता है। अधिक ठंड वाली जगहों को कूलेंट जमने का डर रहता है, जिससे इंजन की परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है।
किस बाइक में इस्तेमाल होता है कौन-सा इंजन?
भारत में बजाज प्लसर 125, हीरो स्प्लेंडर प्लस, हीरो HF डीलक्स, होंडा शाइन 125, शाइन 100 जैसी छोटी सेगमेंट वाली बाइकों में एयर कूल्ड इंजन देखने को मिलता है। दूसरी तरफ TVS अपाचे RTR 160 4V, रॉयल एनफील्ड हिमालयन, रॉयल एनफील्ड 650 ट्विन और यामाहा FZS जैसे मिड रेंज वाली बाइक्स में ऑयल कूल्ड इंजन मिलता है। इसके अलावा यामाहा R15, KTM ड्यूक, बजाज डोमिनार, होंडा CBR250R जैसी बाइक्स में लिक्विड कूल्ड इंजन दिया गया है।