कुछ सालों बाद गाड़ियों में नहीं मिलेगा मैन्युअल गियरबॉक्स का विकल्प, ये हैं कारण
लगातार विकसित होती तकनीक ऑटोमोबाइल क्षेत्र में भी बड़े बदलाव कर रही है। बदलती तकनीक ने गाड़ियों में लगने वाले कितने ही पार्ट्स को मैकेनिकल से इलेक्ट्रिकल में बदल दिया है। अगर आप मैन्युअल गियरबॉक्स वाली गाडी पसंद करते हैं तो यह खबर आपको चिंता में डाल सकती है। दरअसल, आने वाले समय में मैन्युअल गियरबॉक्स का विकल्प बंद हो सकता है। वैश्विक स्तर पर ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव के आधार पर वाहन निर्माता ऐसा कर रहे हैं।
इस दशक के अंत तक हो सकता है बंद
जैसे मारुति सुजुकी और वोल्वो ने अपने डीजल इंजनों को पेट्रोल और हाइब्रिड के लिये बंद कर दिया है, वैसे ही इस दशक के अंत तक हमें मैन्युअल ट्रांसमिशन (MT) भी अधिकतर कारों में देखने को नहीं मिलेगा। यह केवल उन चुनिंदा स्पोर्ट्स कारों में ही देखा जायेगा, जो अधिकांश लोगों की पहुंच से बाहर होंगी। मैन्युअल ट्रांसमिशन को बड़े पैमाने पर बाजार से बाहर करने के पीछे तीन मुख्य कारण हैं।
मांग में गिरावट
पेट्रोल और डीजल इंजल (ICE) के वाहनों में मैनुअल ट्रांसमिशन की मांग में लगातार गिरावट देखी गई है क्योंकि कम कीमत वाली A और B सेगमेंट की गाड़यों में भी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का विकल्प उपलब्ध है। फॉक्सवैगन 2030 तक MT को समाप्त करने की दिशा में काम कर रही है। यहां तक कि एस्टन मार्टिन जैसे बड़े ब्रांड्स को भी बदलते नियमों और कम मांग के चलते MT को अपनी पूरी लाइन-अप से बाहर करना पड़ा है।
इलेक्ट्रिक पार्ट्स की बढ़ती मांग
बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ने से इलेक्ट्रिक पार्ट्स की ही मांग बढ़ रही है। आज अधिकांश इलेक्ट्रिक वाहनों में सिंगल-स्पीड गियर रिडक्शन यूनिट है जिनमें न कोई क्लच है, न गियर बदलने की कोई बाध्यता है। अधिकतर EVs के गियर (मोड) नोब के आकार में कोई अंतर भी नहीं है। EVs में गियर की जगह मोड्स होते हैं। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक वाहनों के कारण बाजार में गियरबॉक्स के पुर्जों की जरूरत नहीं रहेगी।
इलेक्ट्रिक पार्टस का किफायती होना
एक मैनुअल ट्रांसमिशन ICE वाहन में केवल 12 से 30 प्रतिशत उर्जा ही इंजन से पहियों तक पहुंचती है, क्योंकि ईंधन के जलने से उत्पन्न अधिकांश उर्जा बर्बाद हो जाती है, जबकि 'सिंगल-स्पीड' इलेक्ट्रिक वाहन में उपलब्ध बिजली का 77 प्रतिशत (औसतन) हिस्सा कार को चलाने के लिये प्रयोग होता है। भारत में MT अभी भी बहुत लोकप्रिय हैं क्योंकि वे किफायती हैं, लेकिन जैसे-जैसे भारत में EVs का विस्तार होगा, MT को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जाएगा।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
पिछले एक दशक में हमने मारुति सुजुकी और हुंडई जैसे लोकप्रिय ब्रांड्स की कारों में ऑटोमैटिक मैनुअल ट्रांसमिशन (AMT) सिस्टम का उदय देखा है। यह क्लच और गियर शिफ्टर से दूर होते ग्राहकों की पसंद में बदलाव का संकेत है। मर्सिडीज-बेंज भी मैनुअल ट्रांसमिशन को खत्म करना शुरू कर रही है। एक जर्मन प्रकाशन की रिपोर्ट के अनुसार ऑटोमोबाइल निर्माता मर्सिडीज-बेंज 2023 से अपने नए मॉडल्स में MT के विकल्प को देना बंद कर देगी।