
सेमीकंडक्टर की कमी के चलते 7 लाख ग्राहक देख रहे अपनी कार का रास्ता- आर्थिक सर्वे
क्या है खबर?
सेमीकंडक्टर की कमी के चलते भारत में लगभग सात लाख से ज्यादा कार खरीदार अपनी कार के घर आने का इंतजार कर रहे हैं। विश्वभर में आई चिप की कमी के कारण कंपनियां ग्राहकों को उनकी कार डिलीवर नहीं कर पा रही हैं।
लॉकडाउन खुलते ही गाड़ियों की मांग में अचानक उछाल आया लेकिन चिप की कमी के कारण इनकी डिलीवरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में गाड़ियों की डिलीवरी के लिए वेटिंग पीरियड लम्बा हो रहा है।
सर्वे
आर्थिक सर्वे से मिली यह जानकारी
आर्थिक सर्वे से पता चला है कि देश में लगभग 7 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है।
वहीं, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, कार निर्माताओं ने दिसंबर 2021 में घरेलू बाजार में 2,19,421 यात्री वाहनों की बिक्री की, जो साल की तुलना में 23 प्रतिशत कम है।
बता दें कि सरकार ने सेमीकंडक्टर्स और डिस्प्ले-मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के विकास के लिए 76,000 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है।
जानकारी
ग्राहकों को करना पड़ेगा अधिक भुगतान
डिलीवरी में देरी का मतलब है कि वाहन खरीदार को अपने वाहन के लिए अधिक भुगतान करना होगा क्योंकि ग्राहकों को डिलीवरी के समय लागू कीमतों का भुगतान करना होगा।
बता दें कि बढ़ते इनपुट लागत के चलते लगभग सभी कंपनियां अपने वाहनों के दाम बढ़ा रही हैं और साल की शुरुआत से औसतन लगभग 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
टाटा मोटर्स, मारुति और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियां अपने वाहनों के दाम बढ़ा चुकी हैं।
डिलीवरी
सुजुकी की रुकी हुई हैं 2.5 लाख गाड़ियों की डिलीवरी
सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की 2.5 लाख गाड़ियों की डिलीवरी रुकी हुई है और इस वजह से कंपनी के कई मॉडलों का वेटिंग पीरियड भी बढ़ रहा है। यह जानकारी कुछ दिन पहले कंपनी ने दी थी।
वर्तमान में कंपनी की पेट्रोल कारों पर 9 से 12 हफ्तों की वेटिंग चल रहा है। वहीं, CNG कार के मॉडलों के आधार पर यह वेटिंग पीरियड बढ़कर 18 हफ्तों तक पहुंच गया है।
जानकारी
कब तक बनी रहेगी यह समस्या
सेमीकंडक्टर की वैश्विक कमी कार निर्माताओं के लिए बड़ी समस्या है। कंपनियों का कहना है कि स्थिति को सामान्य होने में समय लगेगा।
रिपोर्ट्स की माने तो यह समस्या इस साल की पहली छमाही तक बनी रहेगी। बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए वेटिंग पीरियड सबसे अधिक है क्योंकि इनमें कई चिप लगे होते हैं।
इस समस्या से निकलने के लिए फोर्ड और जनरल मोटर्स जैसी कंपनियां सेमीकंडक्टर्स प्लांट लगाने की योजना बना रही हैं।
सेमीकंडक्टर प्लांट
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वाली है टाटा
भारतीय बाजार में सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग और विश्वभर में सप्लाई में आ रही दिक्क्तों के बीच टाटा ग्रुप एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है।
सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के लिए टाटा ग्रुप 2,250 करोड़ रुपये निवेश कर सकता है।
आउटर्सोस्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OSAT) प्लांट लगाने के लिए ग्रुप तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना से बात कर रहा है। इन राज्यों में प्लांट के लिए जमीन लेने की बात चल रही है।