सेमीकंडक्ट की कमी होगी दूर, 2025 तक ज्यादातर ऑटो कंपनियां खुद बनायेंगी चिप
एक तरह जहां सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी से पूरा ऑटोमोबाइल सेक्टर बिक्री में कमी से जूझ रहा है, वहीं कुछ प्रमुख निर्माताओं ने इसे देखते हुए सेमीकंडक्टरों को खुद बनाने का निर्णय लिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर ऑटो मूल उपकरण निर्माता (OEMs) 2025 तक अपने खुद के चिप्स डिजाइन करने और उत्पादन करने की योजना बना रहे हैं। इससे विद्युतीकरण में तेजी के साथ ही लगातार हो रहे नुकसान से उबरने का भी मौका मिलेगा।
क्या होते हैं सेमीकंडक्टर ?
सेमीकंडक्टर निर्माताओं के बारे में जानने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि असल में ये होते क्या हैं। सेमीकंडक्टर कंडक्टर और इंसुलेटर के बीच की स्थिति है। इनकी विद्युत चालकता चालकों से कम, लेकिन अचालकों से ज्यादा होती है। इसका उपयोग बिजली को नियंत्रित करने में किया जाता है और ये सिलिकॉन से बने चिप होते हैं, जिनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक की वस्तुओं में होता है। सेमीकंडक्टर के बिना हम इलेक्ट्रॉनिक की वस्तुओं की कल्पना भी नहीं कर सकते।
क्या कहती है रिपोर्ट?
प्रौद्योगिकी अनुसंधान और परामर्श कंपनी गार्टनर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विद्युतीकरण के प्रति रुझान और चिप की कमी टॉप 10 ऑटो मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) में से लगभग आधे को अपने खुद के चिप्स डिजाइन करने के लिए प्रेरित कर रही है। यह कार निर्माताओं को सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति में हो रही कमी को दूर करने में मदद करेगा। साथ ही बाजार में हो रहे कुछ कंपनियों की एकाधिकार को भी कम करेगा।
सेमीकंडक्टरों की कमी ने नियंत्रण की इच्छा को बढ़ाया है- गार्टनर
गार्टनर के रिसर्च वाइस प्रेसिडेंट गौरव गुप्ता ने कहा, "ऑटोमोटिव सेमीकंडक्टर सप्लाई चेन बहुत जटिल है। ज्यादातर मामलों में चिपमेकर पारंपरिक रूप से टीयर III या टीयर IV सप्लायर होते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "वाहन निर्माताओं को जिन्हे आमतौर पर ऑटोमोटिव बाजार की मांग को प्रभावित करने वाले कारकों के अनुकूल होने में कुछ समय लगता है और सेमीकंडक्टरों की आपूर्ति में कमी ने ऑटोमोटिव OEMs की आपूर्ति पर अधिक नियंत्रण रखने की इच्छा को बढ़ा दिया है।"
आने वाले सालों में कारों की बिक्री होगी सामान्य
गार्टनर की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मूल निर्माताओं के नई सेवाओं में शामिल होने से आने वाले सालों में नई कारों की बिक्री सामान्य हो जाएंगी। वहीं, अमेरिका और जर्मनी में एक नए वाहन की औसत कीमत लगभग 50,000 डॉलर तक होने की उम्मीद है, जिससे पुराने वाहनों की मरम्मत पर अधिक जोर दिया जाएगा। इसके अलावा पुरानी कारों को अपग्रेड करने और इसके पुर्जों के लिए बाजार में तेजी देखे जाने की उम्मीद है।
ये कंपनियां बना रही सेमीकंडक्टर
मौजूदा समय में मूल सेमीकंडक्टर निर्माताओं के अलावा फोर्ड और जनरल मोटर्स इन चिप्स का निर्माण करने की योजना बना रही हैं। फोर्ड ने अमेरिका में सेमीकंडक्टर्स के निर्माण में तेजी लाने में मदद करने के लिए ग्लोबल फाउंड्रीज नाम के चिप निर्माता के साथ रणनीतिक साझेदारी भी कर ली है। वहीं, जनरल मोटर्स करीब सात सेमीकंडक्टर निर्माताओं के साथ काम कर रही है। टाटा भी भारत के तीन राज्यों में सेमीकंडक्टर असेंबली प्लांट लगाने वाली है।