गलत तरीके से सब्सिडी पाने वाली इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई
फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME II) के तहत गलत तरीके से प्रोत्साहन पाने वाली कंपनियां अब सरकार के 469 करोड़ रुपये वापस करने में आनाकानी कर रही हैं। 7 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं में से केवल एक रिवोल्ट मोटर्स ने राशि वापस करने की पेशकश की है। EV निर्माताओं को दिए गए नोटिस की अवधि भी पूरी हो चुकी है। ऐसे में भारत सरकार इन कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्प तलाश रही है।
इन कंपनियों ने किया था फर्जीवाड़ा
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "हमने उन्हें नोटिस भेजा है। अब तक, केवल रिवोल्ट ने भुगतान करने की पेशकश की है, अन्य ने जवाब नहीं दिया है।" उन्होंने कहा कि समय सीमा लगभग समाप्त हो चुकी है और अगले सप्ताह सरकार कुछ निर्णय लेगी। सरकार FAME-II योजना में गलत तरीके से सब्सिडी उठाने पर हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा ऑटोटेक, एम्पीयर EV, रिवोल्ट मोटर्स, बेनलिंग इंडिया, एमो मोबिलिटी और लोहिया ऑटो से प्रोत्साहन राशि वापस मांग रही है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने की थी जांच
योजना के नियमों के अनुसार, भारत में निर्मित कंपोनेंट का उपयोग करके इलेक्ट्रिक वाहन बनाने के लिए सब्सिडी मिलती है। भारी उद्योग मंत्रालय की जांच में यह पाया गया कि इन 7 कंपनियों ने कथित तौर पर आयात किए गए कंपोनेंट से EV का निर्माण किया। इसके बाद मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष में सब्सिडी वितरण में देरी की थी। दूसरी तरफ, इन कंपनियों ने ग्राहकों से अतिरिक्त छूट को वापस करने का सरकारी आदेश देने का आग्रह किया है।