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सनरूफ के साथ आएगी ऐपल की इलेक्ट्रिक कार, पेटेंट तस्वीर हुई लीक
ऐपल अपनी कारों में देगी सनरूफ

सनरूफ के साथ आएगी ऐपल की इलेक्ट्रिक कार, पेटेंट तस्वीर हुई लीक

Feb 14, 2022
11:30 am

क्या है खबर?

कैलिफोर्निया की टेक कंपनी ऐपल इन दिनों अपनी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और सेल्फ-ड्राइविंग कार पर काम कर रही है। कुछ समय पहले ही कंपनी की ओर से फाइल किए गए पेटेंट्स के आधार पर नई इलेक्ट्रिक कार की तस्वीरें सामने आई थी और अब इसका एक फीचर लीक हुआ है। लीक हुई पेटेंट तस्वीर से पता चलता है कि यह सनरूफ के साथ आएगी। इसके अलावा फिलहाल किसी और फीचर की जानकारी नहीं मिली है।

जानकारी

पहले की तरह ही है 2022 का पेटेंट

ऐपल कार के डिजाइन के लिए मूल रूप से 2016 में पेटेंट आवेदन किया गया था, जिसे 2020 में अपडेट किया गया। लीक हुए पेटेंट में सनरूफ के अलावा कुछ भी नया नहीं है, लेकिन इसे क्रांतिकारी तकनीक के रूप में बताया जा रहा है। ऐपल कार के सनरूफ के बारे में दावा किया जा रहा है कि यह लाउंज जैसा अनुभव प्रदान करता है। इसके अलावा केबिन के अंदर अधिक जगह होने की संभावना है।

एक्सटिरीयर

शानदार होगा कार का लुक

डिजाइन की बात करें तो ऐपल अपने दूसरे उत्पादों की तरह ही इसमें भी मिनिमलिस्ट डिजाइन देगी। कार में आगे और पीछे की तरफ दिए गए कर्व्स के अलावा कोई अतिरिक्त फीचर नहीं दिया जाएगा। यानी कि कार की पूरी बॉडी अलग-अलग पैनल्स से बनी होने के बजाय सिंगल डिजाइन फील देगी। कार में चार दरवाजे दिए गए हैं, जिन्हें कार के एंड की ओर खुलने के लिए डिजाइन किया गया है।

इंटीरियर

मिलेगा बड़ा डिस्प्ले सिस्टम

ऐपल इलेक्ट्रिक कार के केबिन फीचर के बारे में ज्यादा जानकारी फिलहाल नहीं है। हालांकि पहले लीक हुई तस्वीरों में इसके इंटीरियर के बारे में थोड़ी जानकारी मिलती है। इस कार में लगा स्टीयरिंग व्हील किसी F1 कार की तरह दिखता है। साथ ही डैशबोर्ड पर लगा बड़ा सा डिस्प्ले ऐपल इलेक्ट्रिक कार के पूरे डैशबोर्ड को कवर करेगा। इसके अलावा, ऐपल कार पूरी तरह से सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक को लाते हुए, चार स्तर या स्तर पांच ऑटो तकनीक प्रदान करेगी।

न्यूजबाइट्स प्लस

चुनौती भरा है इलेक्ट्रिक कार सेगमेंट में आना

स्मार्टफोन और कंप्यूटिंग सेगमेंट में बड़ा नाम बनने वाली ऐपल के लिए इलेक्ट्रिक कार मार्केट की राह आसान नहीं होगी। दूसरी सेल्फ ड्राइविंग कारों को तैयार होकर सड़क पर उतरने में कम से कम पांच साल का वक्त लगा और वे डीप लर्निंग या आर्टिफीशियल लर्निंग को लेकर बेहतर स्थिति में हैं। ऐपल के पास इस तरह की टेस्टिंग के लिए कम वक्त होगा और बड़ी ब्रैंडिंग के चलते बेहतर प्रदर्शन का ज्यादा दबाव भी होगा।