मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने पर आज फैसला, चीन फिर मांग रहा सबूत

पुलवामा आतंकी हमले के जबाव में भारत ने न केवल पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी उसे घेरने में लगा हुआ है। भारत की इस मुहिम में सबसे अहम है जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के वैश्विक आतंकवादी होने पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की मुहर। बुधवार को UNSC की बैठक में इस पर फैसला होना है। भारत पहले भी इसकी कोशिश कर चुका है, लेकिन चीन हर बार अडंगा लगा देता है।
बालाकोट में 26 फरवरी को भारत की एयर स्ट्राइक के कारण दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के बाद अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मिलकर UNSC में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। इस पर आज अंतिम फैसला होना है और खबरों के अनुसार, भारत अपनी दलील के पक्ष में कई पुख्ता सबूत UNSC के सामने पेश करेगा। मसूद के वैश्विक आतंकवादी घोषित करने पर उसकी आर्थिक गतिविधियों पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जाएगा।
भारत ने इससे पहले जितनी बार भी इसकी कोशिश की है, चीन ने हर बार उसके प्रस्ताव को वीटो किया है। चीन ने जैश को आतंकी संगठन घोषित किए जाने का विरोध नहीं किया था, लेकिन उसका कहना है कि मसूद के जैश का सरगना होने के पुख्ता सबूत नहीं है। इस बार भी वह उसके खिलाफ सबूतों की मांग रहा है। उसकी इसी मांग के जबाव में भारत UNSC के सामने मसूद और जैश के कई टेप पेश करेगा।
जो टेप भारत पेश करेगा उनमें मसूद को जैश का प्रमुख बताया गया है। इसके बाद चीन के लिए वीटो करना मुश्किल होगा। बता दें कि चीन पाकिस्तान में भारी आर्थिक निवेश कर रहा है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) उसके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि वह हर बार पाकिस्तान के साथ खड़ा होता है और उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन प्रदान करता है। हालांकि, POK से गुजर रहे CPEC पर भारत आपत्ति जता चुका है।
पुलवामा में CRPF काफिले पर हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने ही किया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। जैश इसके अलावा भी भारत में कई बड़े आतंकी हमले करवा चुका है। दिंसबर 2001 में संसद पर हुआ हमला जैश ने ही किया था। उसने जम्मू-कश्मीर विधानसभा पर भी फिदायीन हमला कराया था। इसके अलावा उरी और पठानकोट में सेना के कैंप पर हुए हमलों में भी जैश का हाथ था।
संसद भवन हमला और पुलवामा हमले का मुख्य आरोपी अजहर पाकिस्तान में है। खुद पाकिस्तान सरकार ने यह स्वीकार किया था कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना उसके देश में है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने CNN को दिए इंटरव्यू में कहा था कि मसूद पाकिस्तान में है और बेहद बीमार है। उन्होंने कहा था कि वह इतना बीमार है कि घर से नहीं निकल सकता।
मसूद अजहर को पुर्तगाल के फर्जी पासपोर्ट के सहारे यात्रा करने के आधार पर 1994 में कश्मीर से गिरफ्तार किया गया था। उसकी रिहाई यात्री विमान आईसी-814 के बदले हुई थी। दरअसल, आतंकियों ने 178 यात्रियों से भरे इस विमान को छोड़ने के बदले तीन आतंकियों की रिहाई की शर्त रखी थी। भारत सरकार ने विमान को आतंकियों की पकड़ से छुड़ाने के लिए जिन तीन आतंकियों को रिहा किया था, उसमें से मसूद एक था।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), संयुक्त राष्ट्र की छह प्रमुख संस्थाओं में से एक है। इस परिषद का उत्तरदायित्व अतंरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। परिषद में कुल 15 स्दस्य होते हैं, जिनमें से पांच स्थायी सदस्य हैं और दस अल्पकालिक स्दस्य। परिषद के स्थायी देश हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस। स्थायी देश किसी भी प्रस्ताव पर वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत लंबे समय में इसकी स्थायी सदस्यता पाने की कोशिश में है।