पाकिस्तान में भारतीय राजनयिकों के कामकाज में दखल दे रही ISI, भारत ने दर्ज कराया विरोध
भारत द्वारा दो अधिकारियों को निष्कासित किए जाने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। सूत्रों का कहना है कि अब पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों को परेशान करना शुरू कर दिया है। गुरुवार को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने भारतीय मिशन के प्रमुख गौरव आहलूवालिया की कार का पीछा किया। सूत्रों ने बताया कि यह पाकिस्तान की तरफ से भारतीय दूतावास के अधिकारियों को डराने और धमकाने की कोशिश है।
पाकिस्तान की करतूत पर भारत ने जताया कड़ा विरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की तरफ से 31 मई के बाद यह दूसरी ऐसी कोशिश है। इससे पहले एक बार भारतीय दूतावास के कामकाज में दखल देने की भी कोशिश की जा चुकी है। भारत ने पाकिस्तान की इन हरकतों पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। हाल ही में पाकिस्तान ने आहलूवालिया को समन कर भारत द्वारा उसके अधिकारियों के निष्कासन की निंदा की थी। पाकिस्तान का कहना था कि यह राजनयिक रिश्तों की विएना संधि का उल्लंघन है।
जासूसी करने के कारण निष्कासित किए गए थे पाकिस्तान अधिकारी
पिछले महीने नई दिल्ली स्थित पाक उच्चायोग में वीजा सेक्शन में काम करने वाले दो अधिकारियों को जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने के बाद भारत छोड़ने के आदेश दिए गए थे। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के उच्चायोग प्रभारी को तलब कर इन करतूतों पर सख्त एतराज दर्ज कराया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आबिद हुसैन और ताहिर हुसैन को राजनयिक मिशन के सदस्यों के रूप में जासूसी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते परसोना-नॉन-ग्रेटा यानी अवांछित व्यक्ति घोषित किया गया था।
आहलूवालिया के घर के बाहर तैनात किए गए ISI के कर्मचारी
भारतीय अधिकारियों ने गुरुवार को हुई घटना का वीडियो बनाया था। इसमेें देखा जा सकता है एक बाइक सवार आहलूवालिया की कार का पीछा कर रहा है। इसके अलावा ISI ने अपने कई कर्मचारियों को कार और बाइक पर आहलूवालिया के घर के बाहर तैनात किया है। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान अधिकारियों के निष्कासन की घटना का बदला लेना चाहता है, लेकिन उसे कोई मामला नहीं मिल रहा। इसलिए वह दूतावास के कामकाज में दखल डाल रहा है।
झूठा दावा करने की कोशिश में पाक
भारत ने पहले भी कहा है कि पाकिस्तान अब ऐसे झूठे आधार तैयार कर रहा है, जिससे वह यह दावा कर सके कि दिल्ली में उसके अधिकारियों को टॉर्चर किया गया था। भारत का कहना है कि उसने दोनों अधिकारियों को रंगे हाथ जासूसी करते पकड़ा था, लेकिन उन्हें कभी टॉर्चर नहीं किया गया। वहीं पाकिस्तानी मीडिया में भी ऐसी खबरें चल रही हैं कि भारत में उसके राजदूत की कार का पीछा किया जा रहा है।
राजनयिकों को सरंक्षण देता है कोड ऑफ कंडक्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिकों से बर्ताव के लिए 1992 में कोड ऑफ कंडक्ट तैयार हुआ था। इसके अनुसार, भारत-पाकिस्तान में मौजूद एक-दूसरे देश के मिशन में तैनात राजनयिक, अधिकारी और उनके परिवार से सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि इन अधिकारियों की जासूसी नहीं होगी और इन्हें किसी भी तरह से धमकाया नहीं जा सकता। इनकी पूरी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेजबान देश की होगी।