अमेरिकी लोगों की नौकरियां बचाने के लिए ट्रंप ने इमिग्रेशन पर लगाई अस्थायी रोक
क्या है खबर?
कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमिग्रेशन पर अस्थाई रोक लगाने का फैसला किया है।
ट्रंप ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अदृश्य दुश्मन की तरफ से हमले और अमेरिकी नागरिकों की नौकरियों को बचाने के लिए वो इमिग्रेशन पर अस्थाई रोक लगाने वाले आदेश पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।
इसका मतलब है कि अगले आदेश तक किसी भी बाहरी व्यक्ति को अमेरिका में बसने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
असर
लॉकडाउन के कारण अमेरिका में करोड़ों लोग बेरोजगार
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यस्था में संकट के बादल छाए हैं और अमेरिका भी इससे अछूता नहीं है।
पिछले कुछ दिनों में यहां एक करोड़ से अधिक लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है। रिकॉर्ड 2.2 करोड़ लोगों ने बेरोजगारों को मिलने वाले फायदों की मांग की है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अमेरिका में किस स्तर पर लोगों को बेरोजगार होना पड़ा है।
इमिग्रेशन
कोरोना वायरस के कारण पहले ही बंद थे वीजा ऑफिस
यह बात ध्यान रखने वाली है कि ट्रंप कभी भी इमिग्रेशन को लेकर बहुत उदार नहीं रहे हैं। 2016 चुनाव में चुनकर आने से पहले उन्होंने कहा था कि वो 'अमेरिका फर्स्ट' को अपनी प्राथमिकता बनाते हुए इमिग्रेशन के कानूनों को कड़ा करेंगे।
इमिग्रेशन पर अस्थायी रोक का ऐलान होने से पहले ही अमेरिका में इससे जुड़ी प्रकिया ठप्प हो गई थी।
कोरोना वायरस के कारण वीजा ऑफिस बंद थे और रिफ्यूजी रिसेटलमेंट की प्रक्रिया भी लंबित पड़ी थी।
विरोध
ट्रंप के फैसले का हो रहा विरोध
ट्रंप के इमिग्रेशन पर रोक लगाने के फैसले का विरोध भी हो रहा है। नेशनल इमिग्रेशन फोरम के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अली नूरानी ने कहा कि यह नीति में बदलाव की नहीं बल्कि उस संदेश की बात है जो ट्रंप देना चाहते हैं।
नूरानी ने ट्वीट किया, "वो (ट्रंप) लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ करना चाहते हैं। अमेरिका में इमिग्रेंट्स के महत्वपूर्ण योगदान को नजरअंदाज कर ट्रंप उन्हें जिम्मेदार ठहराने के लिए सबसे मुफीद समझते हैं।
जानकारी
अर्थव्यवस्था खोलने की तैयारी में ट्रंप प्रशासन
इसी बीच ट्रंप प्रशासन अगले महीने से अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने की तैयारी कर रहा है। व्हाटइस हाउस ने राज्यों को गाइडलाइंस जारी कह कहा था कि अगर मामलों की संख्या कम होती है तो प्रतिबंधों में राहत दी जा सकती है।
कोरोना वायरस
महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ अमेरिका
बता दें कि अमेरिका कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के डैशबोर्ड के मुताबिक, अमेरिका में अब तक महामारी के संक्रमण के 7.87 लाख मामले सामने आए हैं और 42,359 लोगों की मौत हो चुकी है।
न्यूयॉर्क स्टेट अमेरिका में कोरोना वायरस से सबसे बुरी तरह प्रभावित है। यहां कई देशों की तुलना में संक्रमण और मौत की संख्या ज्यादा है।
इसका असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिख रहा है।
जानकारी
अमेरिका में खुदरा बिक्री में भारी गिरावट
अमेरिका में मार्च महीने में खुदरा बिक्री में 1946 के बाद पहली बार रिकॉर्ड गिरावट देखी गई। पहले ही मंदी से जूझ रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था में इस साल की पहली तिमाही में द्वितीय विश्व युद्द के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
आरोप
अमेरिका ने चीन पर साधा निशाना
अमेरिका ने एक बार फिर चीन पर निशाना साधा है।
व्हाइट हाउस ने कहा कि उसके पास सबूत है कि चीन ने जनवरी और फरवरी में जरूरत से 18 गुना मास्क और दूसरे पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) खरीदे थे, जिसे वह अब ऊंचे दामों पर बेच रहा है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि चीन ने PPE की जमाखोरी कर ली है इस वजह से ब्राजील और भारत जैसे देशों में इनकी भारी कमी महसूस की जा रही है।