कोरोना वायरस: ठीक होने के 70 दिन बाद भी दोबारा संक्रमित हो रहे लोग, बढ़ी चिंता
चीन ने कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी COVID-19 पर कुछ हद तक काबू पा लिया है। जिस वुहान शहर से यह महामारी शुरू हुई थी, वहां जिंदगी सामान्य होने की तरफ लौट रही है, लेकिन इसी बीच डॉक्टरों के सामने एक और चुनौती आ खड़ी हुई है। चीन में COVID-19 से पूरी तरह ठीक हो चुके लोग 70 दिनों बाद फिर से संक्रमित हो रहे हैं और उनमें संक्रमण के कोई लक्षण भी नहीं देखे जा रहे।
अब तक सामने आए ऐसे दर्जनों मामले
डॉक्टरों ने बताया कि महामारी से ठीक होने के बाद किए गए टेस्ट में ये लोग संक्रमित नहीं थे। अब लगभग 70 दिन बाद जब दोबारा उनका टेस्ट किया गया तो वो लोग फिर संक्रमित पाए गए। वहीं कुछ लोग ठीक होने के 50-60 दिन बाद दोबारा संक्रमित पाए गए हैं। अभी तक ऐसे मामलों की सटीक संख्या पता नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि दर्जनों ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
ठीक होने के बाद संक्रमित पाए गए व्यक्ति ने बताया अपना अनुभव
एक व्यक्ति ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत करते हुए बताया कि घर आने से पहले वह वुहान के तीन अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती रहा था। फरवरी के अंत से अब तक उसका 10 बार टेस्ट किया जा चुका है, जिनमें से ज्यादातर बार उसमें संक्रमण की पुष्टि हुई है। उसने कहा, "मैं पूरी तरह ठीक था और मुझमें कोई लक्षण नहीं था। जब टेस्ट किया गया तो मुझे संक्रमित पाया गया। ये कैसा वायरस है।"
ऐसे मामले सामने आने से बढ़ी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंताएं
एक बार ठीक होने के बाद लोगों का फिर से संक्रमित पाया जाना पूरी दुनिया के लिए चिंता पैदा कर रहा है। स्वस्थ होने के बाद किसी व्यक्ति को 14 दिन तक आइसोलेशन में रहना होता है और उसके बाद वह दूसरों से मिल सकता है। ऐसे में अगर कोई 50-60 या 70 दिन बाद फिर से संक्रमित पाया जाता है तो इस दौरान उसे स्वस्थ समझकर संपर्क में आने वाले लोगों के संक्रमित होने का भी खतरा रहता है।
दक्षिण कोरिया और इटली में भी सामने आए ऐसे मामले
सिर्फ चीन में ही नहीं बल्कि दक्षिण कोरिया और इटली में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। दक्षिण कोरिया और इटली में एक महीेने तक आइसोलेशन में रहने के बाद भी लगभग 1,000 लोगों को संक्रमित पाया गया था।
वायरस के बारे में पूरी जानकारी सामने आना बाकी
पेकिंग यूनिवर्सिटी फर्स्ट अस्पताल के संक्रमण बीमारी विभाग के निदेशक वांग गुईगियांग ने कहा कि ऐसे मामलों में अधिकतर मरीजों में संक्रमण को कोई लक्षण नहीं देखे गए और इनमें से कुछ की ही हालत खराब हुई है। चीन के एक और सरकारी अधिकारी ने कहा कि नया कोरोना वायरस नई तरह का वायरस है। इसके बारे में अभी तक जितनी बातें सामने आई हैं, उससे ज्यादा आनी बाकी हैं। पूरी दुनिया में इसे लेकर रिसर्च चल रही है।
ऐसे मामलों को लेकर क्या कहते हैं जानकार?
कुछ लोगों का मानना है कि इस तरह के मामले सामने आने से यह बात गलत साबित होती है कि एक बार वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों के शरीर में एंटीबॉडीज बन जाती हैं जो उन्हें भविष्य में संक्रमण से बचाएंगी। वहीं दक्षिण कोरिया और चीन के जानकारों का कहना है कि वायरस का कुछ हिस्सा संक्रमित व्यक्ति के शरीर में बच सकता है, लेकिन यह उसके या दूसरे लोगों के लिए खतरनाक साबित नहीं होगा।