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    #NewsBytesExplainer: अबाया क्या होता है और फ्रांस में इसे पहनने पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध? 
    फ्रांस के शिक्षा मंत्री गेब्रियल ने स्कूलों में अबाया पहनने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है

    #NewsBytesExplainer: अबाया क्या होता है और फ्रांस में इसे पहनने पर क्यों लगाया गया प्रतिबंध? 

    लेखन नवीन
    Aug 28, 2023
    03:03 pm

    क्या है खबर?

    फ्रांस के स्कूलों में 'अबाया' पहनने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। देश के शिक्षा मंत्री गेब्रियल अटाल ने कहा कि आमतौर पर मुस्लिम महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली पोशाक 'अबाया' को अब लड़कियां सरकारी स्कूलों में नहीं पहन सकेंगी।

    उनका कहना है कि यह परिधान फ्रांस की शिक्षा में लागू सख्त धर्मनिरपेक्ष कानूनों का उल्लंघन करता है।

    आइए जानते हैं कि यह अबाया क्या होता है और फ्रांस में क्यों इस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है।

    क्या

    क्या होता है अबाया? 

    अरब देशों में मुस्लिम महिलाएं अपने सिर और शरीर को ढकने के लिए अलग-अलग पोशाकें पहनती हैं।

    हिजाब का इस्तेमाल सिर को ढकने के लिए किया जाता है। इससे अलग बुर्का और अबाया पूरे शरीर को ढकने के लिए पहनना जाता है।

    बुर्के में महिलाओं की केवल आंखें ही खुली रहती हैं, जबकि अबाया से कंधे से लेकर पैरों तक को ढका जाता है।

    यह काफी ढील-ढाला परिधान होता है, जो सामान्य कपड़ों के ऊपर पहना जाता है।

    प्रतिबंध क्यों

    फ्रांस ने अबाया पर क्यों लगाया प्रतिबंध? 

    2004 में फ्रांस में एक कानून लाया गया था, जिसमें छात्रों के स्कूलों में धार्मिक मान्यताओं से जुड़े परिधान पहनने पर रोक लगा दी गई थी। इनमें बड़े ईसाई क्रॉस, यहूदी किप्पा और इस्लामिक हिजाब शामिल थे, लेकिन अबाया पर प्रतिबंध नहीं था।

    पिछले साल नवंबर में शिक्षा मंत्रालय ने एक नोटिस जारी करते हुए कहा था कि अबाया पर ऐसी स्थिति में प्रतिबंध लगाया जा सकता है, जब इसे धार्मिक पहचान जाहिर करने के मकसद से पहना जाए।

    प्रतिबंध

    फ्रांस के शिक्षा मंत्री ने अबाया पर प्रतिबंध को लेकर क्या कहा? 

    फ्रांस के शिक्षा मंत्री अटाल ने कहा कि वह राष्ट्रीय स्तर पर सभी स्कूलों के लिए नियम जारी करेंगे और 4 सितंबर से दोबारा स्कूल खुलने पर अबाया पहनना प्रतिबंधित होगा।

    उन्होंने कहा, "धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है, स्कूल के जरिये खुद को मानवीय बनाने की आजादी। स्कूलों को एक धर्मनिरपेक्ष जगह होना चाहिए और अबाया एक धार्मिक पहचान है, जो इस धर्मनिरपेक्षता पर सवाल खड़े करता है। किसी छात्र के पहनावे से उनके धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए।"

    यूनियन

    प्राचार्यों की यूनियन ने फैसले पर क्या कहा? 

    शिक्षा मंत्री अटाल द्वारा अबाया पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा का स्कूल प्राचार्यों की यूनियन के महासचिव ब्रूनो बोबकिविज ने स्वागत किया। उन्होंने कहा कि वह अबाया पर सरकार के स्पष्ट निर्देशों का स्वागत करेंगे।

    पिछली सरकार के समय में अबाया के मुद्दे को स्कूल प्राचार्यों की यूनियन ने तत्कालीन शिक्षा मंत्री पैप नदीए के सामने उठाया था, लेकिन उन्होंने कहा था कि वह पोशाकों की लंबाई निर्दिष्ट करने के लिए अंतहीन कैटलॉग प्रकाशित नहीं करना चाहते हैं।

    विपक्ष

    विपक्ष ने प्रतिबंध पर क्या कहा?

    वामपंथी विपक्षी फ्रांस अनबोएड पार्टी की क्लेमेंटाइन ऑटेन ने सरकार के इस ऐलान की आलोचना करते हुए कहा कि यह कपड़ों पर पुलिसिंग है।

    उन्होंने कहा, "शिक्षा मंत्री अटाल की घोषणा असंवैधानिक है और फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। यह सरकार के मुसलमानों को खारिज करने का लक्षण है।"

    उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार अति-दक्षिणपंथी नेशनल रैली की नेता ला पेन के साथ मुकाबला कर रही है।"

    मुस्लिम

    मुस्लिम संगठनों ने क्या कहा?

    कई मुस्लिम संस्थाओं के समूह CFCM ने कहा है कि परिधान अपने आप में किसी धर्म का प्रतीक नहीं होते हैं।

    फ्रांस में अबाया को लेकर तब बहस ज्यादा तेज हो गई थी, जब एक चेचन शरणार्थी ने 2020 में पेरिस के एक स्कूल में सैमुअल पैटी नाम के एक शिक्षक का सिर काटकर हत्या कर दी थी।

    शिक्षक ने छात्रों को पैगंबर मोहम्मद का एक व्यंग्यचित्र दिखाया था और इस्लाम में पैगंबर की तस्वीर बनाना हराम माना जाता है।

    अटाल

    कौन हैं ग्रेबियल अटाल?

    मैक्रों सरकार में 34 साल के अटाल को हाल ही में शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि कई बड़े नेता यह मंत्रालय चाहते थे। अटाल के अबाया पर प्रतिबंध को एक बड़े निर्णय के तौर पर देखा जा रहा है।

    उन्हें फ्रांस की राजनीति में 40 वर्षीय गेराल्ड डर्मैनिन के साथ एक उभरते सितारे की तरह देखा जाता है, जो 2027 में मैक्रों के पद छोड़ने के बाद संभावित रूप से एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

    प्लस

    फ्रांस में हिजाब पर भी प्रतिबंध

    इससे पहले 2004 में फ्रांस में स्कूलों में मुस्लिम युवतियों द्वारा हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाया गया था। इससे बाद 2010 में फ्रांस की सरकार ने पार्कों, गलियों, सार्वजनिक परिवहन और प्रशासनिक भवनों में नकाब पहनने पर रोक लगा दी थी।

    फ्रांस सरकार के इस फैसले के बाद देश में रहने वाले करीब 50 लाख मुस्लिमों ने इसका विरोध किया था। अब सरकार ने एक कदम आगे बढ़कर स्कूलों में अबाया पहनकर आने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

    प्रतिबंध

    अन्य किन देशों में बुर्का, अबाया और नकाब पर प्रतिबंध? 

    भारत में इस मामले में कोई एक कानून नहीं है और सभी जगहों के अपने-अपने नियम हैं। कर्नाटक में हिजाब पहनकर कक्षा में प्रवेश पर प्रतिबंध का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

    बेल्जियम, यूनाइटेड किंगडम (UK), चीन, डेनमार्क, नीदरलैंड, श्रीलंका कैमरून, इटली, ऑस्ट्रिया, नार्वे, स्विट्जरलैंड, बुल्गारिया और स्पेन में भी बुर्का, नकाब, अबाया या हिजाब पहनने पर प्रतिबंध है।

    इसके अलावा अजरबैजान, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया जैसे मुस्लिम देशों ने भी शैक्षणिक संस्थानों में इन्हें प्रतिबंधित किया हुआ है।

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