विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण में आई रुकावट, ब्रिटेन हाई कमीशन ने बताया यह कारण
क्या है खबर?
ब्रिटेन हाईकोर्ट द्वारा पिछले महीने भगौड़े कारोबारी विजय माल्या की भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करने वाली याचिका खारिज किए जाने के बाद उसके प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था, लेकिन अब इसमें एक बड़ी रुकावट आ गई है।
माल्या के प्रत्यर्पण पर ब्रिटेन हाई कमीशन ने गुरुवार को कहा अभी इस दिशा में एक और कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है। उसी के बाद उसका भारत प्रत्यर्पण संभव हो सकेगा।
गोपनीय
ब्रिटेन हाई कमीशन ने दिया गोपनीय कानूनी मुद्दे का हवाला
ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने NDTV को बताया कि माल्या के प्रत्यर्पण की दिशा में अभी और गोपनीय कानूनी मुद्दा सुलझाना बाकी है। ऐसे में उसके हल होने तक माल्या का भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि पिछले महीने माल्या की अपील खारीज होने के बाद उसके सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता बंद हो गया था, लेकिन अभी भी एक कानूनी मुद्दा है, जिसे प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करने से पहले सुलझाना जरूरी है।
प्रयास
कानूनी मुद्दा सुलझाने के किए जा रहे हैं प्रयास
ब्रिटिश हाई कमीशन के प्रवक्ता ने बताया कि यूनाइटेड किंगडम के कानून के हिसाब से प्रत्यर्पण के लिए यह मामला सुलझाना बहुत जरूरी है। यह मुद्दा बहुत गोपनीय है और इसकी जानकारी भी नहीं दी जा सकती है। वह इस बात का भी आश्वासन नहीं दे सकते हैं कि यह मुद्दा कितने समय में सुलझा लिया जाएगा।
हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा है कि कमिशन इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का प्रयास कर रहा है।
जानकारी
माल्या के पास ह्यूमन राइट्स कोर्ट जाने का है विकल्प
विजय माल्या के सभी कानूनी विकल्प खत्म होने के बाद उसके पास यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स का दरवाज़ा खटखटाने का मौका है। यदि माल्या वहां जाता है तो भारत को उसके प्रत्यर्पण के लिए नए सिरे से प्रयास करने पड़ सकते हैं।
खारिज
अप्रैल में खारिज हुई थी प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका
बता दें कि गत 20 अप्रैल को इंग्लैंड और वेल्स की हाईकोर्ट ने माल्या की प्रत्यर्पण के खिलाफ दायर याचिका को खारिज़ कर दिया था। जिसके बाद उसके पास सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की अनुमति लेने वाली याचिका के लिए 14 दिनों का समय था।
इस पर उसने हाईकोर्ट में अनुमति के लिए याचिका दायर की थी, लेनिक गत 14 मई को हाईकोर्ट ने उसकी अपील करने की अनुमति देने वाली याचिका भी खारिज कर दी थी।
खंडन
माल्या ने किया था प्रत्यर्पण को लेकर चल रही बातों का खंडन
बता दें कि बुधवार शाम तक भारत में खबरें चल रही थी विजय माल्या को लेकर अधिकारी कभी भी भारत पहुंच सकते हैं। इसको लेकर TOI ने जब माल्या के निजी सहायक से बात की तो उन्होंने इसे नकारते हुए कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है।
माल्या ने भी TOI को भेजे वॉट्सऐप मेसेज में कहा सिर्फ मीडिया को पता है कि वह क्या कह रहे हैं। अब ब्रिटेन हाई कमीशन ने भी इसकी पुष्टि कर दी है।
इतिहास
भारत ने दिसंबर 2018 में की थी माल्या के प्रत्यर्पण की मांग
भारत ने दिसंबर 2018 में माल्या पर साल 2009 में लोन लेने के दौरान अपनी कंपनियों के लाभ में होने की जानबूझकर गलत जानकारी देने का आरोप लगाते हुए उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी।
स्कॉटलैंड यार्ड ने 18 अप्रैल 2018 को उसके खिलाफ प्रत्यर्पण वारंट जारी किया था और तभी से वह जमानत पर चल रहा है।
माल्या मार्च 2016 से भारत से फरार हो गया था और वह तब से ही यूनाइटेड किंगडम में रह रहा है।