
क्या है INX मीडिया केस जिसमें चिदंबरम पर लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार? जानें
क्या है खबर?
INX मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी चिदंबरम की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं।
मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में अग्रिम जमानत की उनकी अर्जी को खारिज कर दिया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की टीम पिछले 24 घंटों में दो बार उनके घर जा चुकी है, लेकिन वह वहां नहीं मिले।
जिस INX मीडिया केस में चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है, वो आखिर क्या है, आइए आपको बताते हैं।
पृष्ठभूमि
2007-08 का है मामला
मामला 2007-08 का है, जब चिदंबरम तत्कालीन UPA सरकार में वित्त मंत्री थे।
तब फॉरेन इंनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की रोक के बावजूद पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी की कंपनी INX मीडिया प्राइवेट मीडिया लिमिटेड ने विदेशों से 305 करोड़ रुपये का फंड लिया था।
FIPB ने कंपनी को केवल 4.62 करोड़ रुपये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) लेने की अनुमति दी थी।
उसके आदेश के उल्लंघन के लिए मई 2008 में FIPB ने INX मीडिया से सफाई मांगी।
जानकारी
शीना बोरा मर्डर केस में जेल में बंद हैं पीटर और इंद्राणी
पीटर और इंद्राणी अभी अपनी बेटी शीना बोरा की हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। INX मीडिया केस में दर्ज किए गए अपने बयान में इंद्राणी ने कार्ति चिदंबरम को रिश्वत देने की बात कही थी।
आरोप
कार्ति चिदंबरम पर मामले में रिश्वत लेने का आरोप
आरोप है कि FIPB के इस आदेश के बाद INX मीडिया मदद के लिए पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के पास पहुंची और उसने उनकी पहुंच का इस्तेमाल FIPB अधिकारियों को प्रभावित करने के लिए करने को कहा।
CBI के आरोपों के अनुसार, इसके बाद FIPB ने मामले की जांच करने के बजाय INX मीडिया को फायदा पहुंचाना शुरू कर दिया।
कार्ति पर मामले में रिश्वत लेकर INX मीडिया की मदद करने का आरोप है।
कार्रवाई
मामले में हो चुकी है कार्ति की गिरफ्तारी
मामले में कार्ति का नाम तब सामने आया जब प्रवर्तन निदेशालय (ED) मामले में उनसे संबंधित एक कंपनी की जांच कर रही थी।
आरोपों के अनुसार, ED को कार्ति के CA भास्कर रमन के कंप्यूटर से INX मीडिया से संबंधित दस्तावेज भी मिले।
मामले में CBI ने मई 2017 में FIR दर्ज की। फरवरी 2018 में CBI ने कार्ति को गिरफ्तार किया और वह 23 दिन न्यायिक हिरासत में रहे।
कार्ति अभी जमानत पर बाहर हैं और सांसद हैं।
जानकारी
मामले के केंद्र में हैं पी चिदंबरम
चिदंबरम पर आरोप है कि INX मीडिया को विदेश से फंड हासिल करने के लिए सरकारी अनुमति दिलाने में उनका अहम योगदान था। हालांकि, चिदंबरम आरोपों से इनकार करते रहे हैं। उनका कहना है कि राजनीतिक कारणों से केंद्र सरकार उन्हें निशाना बना रही है।
एयरसेल-मैक्सिस डील
एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में भी आरोपी हैं चिदंबरम
बता दें कि चिदंबरम इस मामले के अलावा एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में भी आरोपी हैं।
3,500 करोड़ रुपये की इस डील के समय भी वह वित्त मंत्री थे।
आरोप है कि डील के FIPB की मंजूरी दिलाने के लिए चिदंबरम ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया था और कई नियमों और कानूनों के उल्लंघन में ये मंजूरी दी थी।
CBI का आरोप है कि डील की मंजूरी मिलने के बाद एयरसेल ने कार्ति की कई कंपनियों को पैसे दिए थे।
अपील
चिदंबरम की याचिका पर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट
अब हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज होने के बाद चिदंबरम पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।
ED उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर चुकी है।
वहीं CBI पिछले 24 घंटे में दो बार उनकी तलाश में उनके घर जा चुकी है।
चिदंबरम ने मामले में सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने मामले को तत्काल सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के पास भेज दिया है।