नीरव मोदी और उसकी बहन के 4 स्विस बैंक अकाउंट्स सीज, जमा थे 283 करोड़ रुपये
स्विट्जरलैंड प्रशासन में भारत के भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके 4 स्विस बैंक अकाउंट्स सीज कर दिया हैं। इनमें नीरव की बहन पूर्वी के बैंक अकाउंट भी शामिल हैं। ये कार्रवाई मनी लांड्रिंग के आरोपों में जांच के संबंध में की गई है। समाचार एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, इन बैंक अकाउंट्स में कुल 283.16 करोड़ रुपये जमा थे और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुरोध के बाद ये कार्रवाई की गई है।
ED का मत, PNB घोटाले से आए अकाउंट्स में जमा पैसे
PTI रिपोर्ट के अनुसार, ED का मानना है कि इन बैंक अकाउंट में जमा किए पैसे पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले से आए थे। विभाग स्विस प्रशासन से इन बैंक अकाउंट्स को भारत के PMLA कानून के तहत जब्त करने की मांग भी करेगा। वहीं, अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के अनुसार, नीरव ने भारत में उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होने के कुछ महीने बाद अपने 89 करोड़ रुपये सिंगापुर से स्विट्जरलैंड भेजे थे।
क्या है PNB घोटाला?
PNB घोटाले में हीरा व्यापारी नीरव और उसके मामा मेहुल चोकसी ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे कई बैंकों से कर्ज लिया था। उन्होंने बैकों को लगभग 13,500 करोड़ रुपये का चूना लगाया। पिछले साल मार्च में मामले के खुलासे से पहले ही दोनों देश छोड़कर भाग गए थे। चोकसी ने एंटीगुआ और बरमूडा की नागरिकता ले ली थी। एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने अब चोकसी की नागरिकता छीन कर उसका भारत प्रत्यर्पण करने की घोषणा की है।
लंदन की जेल में बंद है नीरव मोदी
वहीं, नीरव लंदन में रह रहा था। उसे लंदन की सड़कों पर घूमते देखा गया था और पाया गया था कि वह अभी भी हीरो का कारोबार कर रहा है। इसके बाद लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने 13 मार्च को नीरव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया और 19 मार्च को उसे गिरफ्तार कर लिया गया। वह अब तक चार बार जमानत की अर्जी दायर कर चुका है, लेकिन हर बार उसकी खारिज हो गई।
कौन है नीरव की बहन पूर्वी?
नीरव की बहन पूर्वी उसके ज्यादातर काले धन से संंबंधित मामलों को संभालती थी। उसके खिलाफ भी PNB बैंक घोटाले में इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। वह नीरव की हांगकांग कंपनी की "असली" मैनेजर थी। हांगकांग की ये कंपनी यूरोप और अमेरिका स्थित नीरव की कंपनियों का कार्यभार भी संभालती थी। वह ब्रिटिश वर्जिन आईलैन्ड्स और हांगकांग में फर्जी कंपनियों के जरिए कालेधन को देश के अंदर-बाहर करती थी।