इन प्रक्रियाओं से गुजरकर फिर से उड़ान भरने के लिए तैयार होंगे विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान

भारत के वीर सपूत विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान शुक्रवार रात अपने वतन वापस लौट आए। 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना के F-16 के साथ लड़ते हुए उनका मिग 21 विमान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में जा गिरा था। 2 दिन पाकिस्तान के कब्जे में रहने के बाद अभिनंदन की देश वापसी हुई है। अभिनंदन सकुशल देश वापस आने में तो सफल रहे, लेकिन आसमान में दोबारा उड़ान भरने के लिए उनको कुछ समय इंतजार करना पड़ेगा।
अभिनंदन का सीमा पर पहले मेडिकल टेस्ट हुआ, लेकिन उन्हें फिर से उड़ान भरने के लिए अभी और भी जांच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा। जब भी एक युद्धबंदी (PoW) को वापस स्वदेश भेजा जाता है, तो उसे दोबारा से जिम्मेदारी सौंपने से पहले कुछ प्रोटोकॉल और जांच पूरी की जाती हैं। अभिनंदन PoW है या नहीं, इसकी भारत की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई, लेकिन उन्हें फिर भी कई कड़ी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा।
#Visual: Defence Minister Nirmala Sitharaman met Wing Commander Abhinandan Varthman at a hospital in Delhi today. pic.twitter.com/WD927TQHOV
— ANI (@ANI) March 2, 2019
अभिनंदन के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की जांच के बाद अब उनका स्कैन किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पाकिस्तानी सेना ने उनके अंदर कोई माइक्रोफोन तो नहीं लगा दिया है। पाकिस्तान द्वारा खुफिया जानकारी निकालने के लिए उनको प्रताड़ित करने की संभावना को देखते हुए उनका मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी होगा। इसके बाद रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) भी अभिनंदन से पूछताछ कर सकती हैं।
अंत में सबसे कठिन प्रक्रिया आती है- भारतीय वायुसेना (IAF) डीब्रीफिंग। इसमें IAF के वरिष्ठ अधिकारी अभिनंदन से यह जानने की कोशिश करेंगे कि पाकिस्तान ने कैद के दौरान उनसे कौन सी जानकारियां निकलवाईं। डीब्रीफिंग का मकसद यह सुनिश्चित करना भी होगा कि कहीं पाकिस्तान उनका ब्रेनवॉश करके अपनी तरफ करने में कामयाब तो नहीं रही। इन सारी प्रक्रियाओं के बाद ही यह तय किया जाएगा कि अभिनंदन दोबारा उड़ान भर सकते हैं या नहीं।
करगिल युद्ध के समय 8 दिन पाकिस्तान की कैद में रहने के बाद भारत वापसी करने वाले फ्लाइट लेफ्टिनेंट के नचिकेता फिर से लड़ाकू विमान में उड़ान नहीं भर पाए थे। विमान से इजेक्ट करने और पाकिस्तान के टॉर्चर के कारण उनकी रीढ़ की हड्डी में चोट लग गई थी। उन्हें फिर से उड़ान भरने के लिए अनफिट पाया गया था। 2003 में दोबारा ट्रेनिंग के बाद उन्होंने वायुसेना का परिवहन विमान उड़ाना शुरु कर दिया था।