भारत-पाकिस्तान के रिश्ते सुधारने के लिए मध्यस्थता कर रहा है UAE, हुई आधिकारिक पुष्टि
कुछ दिन पहले रिपोर्ट आई थी कि भारत और पाकिस्तान के सुधरते रिश्तों के पीछे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का हाथ है। अब UAE की तरफ से इस बात की आधिकारिक पुष्टि कर दी गई है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों की बेहतरी के लिए काम कर रहा है। अमेरिका में UAE के राजदूत युसूफ अल ओटैबा ने कहा कि उनका देश भारत और पाकिस्तान की बीच स्वस्थ रिश्ते बनाने के लिए मध्यस्थता कर रहा है।
रिपोर्ट में क्या कहा गया था?
पिछले महीने ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि UAE के प्रयासों के चलते भारत और पाकिस्तान के बीच फरवरी में नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर समझौता हुआ था। रिपोर्ट में सीजफायर को रिश्तों की बेहतरी की दिशा में उठाया गया पहला कदम बताया गया था। रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दोनों देशों का अगला कदम अपने राजदूतों को बहाल करना होगा। इसी बीच दोनों देशों के प्रधानमंत्री एक-दूसरे को पत्र भी लिख चुके हैं।
दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर करना हमारा लक्ष्य- ओटैबा
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, राजदूत ओटैबा ने कहा, "जहां दो अलग-अलग देशों में हमारा प्रभाव होता है, वहां हम मदद करने की कोशिश करते हैं। भारत और पाकिस्तान इस कड़ी में ताजा उदाहरण है।" उन्होंने कहा, "हो सकता है कि भारत और पाकिस्तान बहुत अच्छे दोस्त न बन सकें, लेकिन हम उन्हें ऐसे स्तर पर लाना चाहते हैं, जहां उनके रिश्ते बेहतर हो, जहां वो एक-दूसरे से बात कर रहे हों और यही हमारा लक्ष्य है।"
ओटैबा ने और क्या कहा?
बुधवार को स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए ओटैबा ने कहा, "आप जानते हैं कि हम ये नहीं सोच रहे कि वो एक-दूसरे के मोस्ट फेवर्ड नेशन बन जाएंगे, लेकिन दोनों के बीच स्वस्थ और काम करने लायक रिश्ते होने चाहिए।"
दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों के बीच हुई थी बैठक- रिपोर्ट
ओटैबा का बयान उस दिन आया है, जब न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने जानकारी दी थी कि जम्मू-कश्मीर में सैन्य तनाव कम करने के लिए भारत की खुफिया एजेंसी रॉ और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने जनवरी में दुबई में गुप्त बैठक की थी। बैठक के अगले महीने यानी फरवरी में भारत और पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी रोकने पर सहमत हो गए थे। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने बाद में समझौता का स्वागत भी किया था।
अजित डोभाल कर रहे थे प्रयासों का नेतृत्व
सूत्रों के अनुसार, समझौते तक पहुंचने से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग तीन महीनों तक पर्दे के पीछे बात चली थी। बताया जा रहा है कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल किसी तीसरे देश में अपने पाकिस्तानी समकक्ष से मिले थे। इसके अलावा उनकी पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा से भी बातचीत जारी थी। बाजवा की इमरान खान से नजदीकी और उनका सेना प्रमुख होना इस प्रक्रिया में बेहद काम आया।
कब से जमी है भारत-पाक के रिश्तों पर बर्फ?
2016 से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर बर्फ जमी हुई है। फरवरी, 2019 में पुलवामा में हुए आतंकी हमले से इन रिश्तों में और तनाव आ गया। हमले का बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की थी। इसके बाद 2019 में ही भारत ने जम्मू-कश्मीर को दिया विशेष दर्ज समाप्त कर दिया था। इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक संबंध कम करते हुए राजदूत को वापस बुला लिया था।