भारत-पाकिस्तान के सुधरते संबंधों के पीछे UAE का हाथ- रिपोर्ट
पिछले महीने जब भारत और पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर सीजफायर का ऐलान किया था संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने इसका स्वागत किया था। अब मंगलवार से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर सालाना बैठक शुरू हुई है। इसे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की शुरुआत माना जा रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बातचीत शुरू होने के पीछे UAE का हाथ है।
सीजफायर रिश्तों में सुधार की शुुरुआत- रिपोर्ट
ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि UAE भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है और दोनों देश फिर से रिश्ते सुधारने की तरफ बढ़ रहे हैं। सीजफायर इसकी महज शुरुआत है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दोनों देशों का अगला कदम अपने राजदूतों को बहाल करना होगा। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया था और भारतीय राजदूत को जाने को कह दिया था।
कारोबार और कश्मीर समस्या पर भी होगी बातचीत
राजदूतों की बहाली के बाद दोनों देशों के बीच कारोबार की बहाली और कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान पर बातचीत होगी। हालांकि, दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य करने की ऐसी पहल कई बार हो चुकी है, लेकिन उसका ठोस नतीजा कम समय तक देखने को मिलता है। अधिकारियों को लग रहा है कि इस पहल से भी राजदूतों की बहाली और दोनों देशों के बीच कारोबार फिर से शुरू होने के अलावा कुछ और हासिल होना मुश्किल है।
कब तैयार हुई पृष्ठभूमि?
रिपोर्ट में बताया गया है कि 26 फरवरी को UAE के विदेश मंत्री नई दिल्ली में अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मिले थे। दोनों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत की। इससे पहले नवंबर में जयशंकर UAE दौरे पर वहां के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल न्यहान से मिले थे। जयशंकर के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी UAE गए थे। बताया जा रहा है कि इन्हीं मुलाकातों में समाधान का रोडमैप तैयार हुआ है।
ये हैं पटरी पर लौटते रिश्तों के संकेत
पिछले हफ्ते पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भारत से पुराने मुद्दों को भूलकर आगे बढ़ने की बात कही थी। उनसे एक दिन पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर समस्या के समाधान का जिक्र करते हुए कहा था कि यह मुद्दा देशों को आगे जाने से रोक रहा है। इसके बाद जब इमरान खान कोरोना संक्रमित हुए तो प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी।
रिपोर्ट पर तीनों देशों की तरफ से क्या कहा गया?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारत के साथ बातचीत में UAE की मध्यस्थता पर कोई टिप्पणी नहीं की है, वहीं भारत और UAE की तरफ से इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
पुलवामा हमले के बाद से रिश्तों पर जमी है बर्फ
फरवरी, 2019 में पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनातनी बढ़ गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। हमले में भारत के 40 जवान शहीद हुए थे। इसका बदला लेने के लिए भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकी कैंपों पर एयरस्ट्राइक की थी। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर अलग-थलग कर दिया था।