तुर्की-सीरिया भूकंप: मरने वालों की संख्या 21,000 से अधिक हुई, राहत पैकेज का ऐलान
क्या है खबर?
तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 21,000 के पार पहुंच चुकी है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अभी इस त्रासदी में हुए नुकसान की तस्वीर साफ नहीं है।
बीते सोमवार को तुर्की और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के इस विनाशकारी भूकंप को इलाके में सदी की सबसे बड़ी त्रासदी के रूप में देखा जा रहा है।
मौत
तुर्की और सीरिया में अब तक कितने लोगों की हुई मौत?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्की में अब तक 17,170 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 35,000 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
सीरिया में 3,162 लोगों की मारे जाने की सूचना है और 4,000 लोग घायल बताए जा रहे हैं।
भूकंप प्रभावित क्षेत्रो में राहत और बचाव कार्य में एक लाख से अधिक लोग जुटे हैं और तुर्की में 26,000 लोगों को बचा लिया गया है।
भारत समेत करीब 70 देश यहां मदद के लिए आगे आए हैं।
राहत कार्य
ठंड के कारण राहत और बचाव कार्यों में आ रही हैं मुश्किलें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अध्यक्ष टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि तुर्की और सीरिया में कड़ाके की ठंड से राहत और बचाव कार्यों में दिक्कत आ रही है और भूकंप के बाद 100 घंटे से अधिक बीत जाने के बाद मलबे में दबे लोगों के जिंदा बचने की उम्मीद अब कम है।
इसी बीच भूकंप से जो लोग बच गए हैं, उनके लिए रहने की जगह के अलावा खाने-पीने की चीजों का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है।
त्रासदी
राष्ट्रपति अर्दोआन बोले- तुर्की में सदी की सबसे बड़ी तबाही
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन भी जमीनी स्तर पर राहत और बचाव का जायजा लेने पहुंचे और उन्होंने इसे सदी की सबसे बड़ी तबाही करार दिया।
उन्होंने कहा, "इस भूकंप से बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है और हजारों लोग राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।"
कई देशों से भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में पहुंची टीमें चौबीसों घंटे राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
राहत
विश्व बैंक और अमेरिका ने की राहत पैकेज की घोषणा
गुरुवार को विश्व बैंक ने तुर्की की मदद के लिए 1.78 अरब डॉलर (147 अरब रुपये) के राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके साथ ही अमेरिका ने भी 8.5 करोड़ डॉलर (लगभग सात अरब रुपये) की मदद का ऐलान किया है।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि मौजूदा हालात में वह तुर्की और सीरिया की हरसंभव मदद करेगा।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रहे सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में भी मदद पहुंचाई जाएगी।
मदद
यूरोपीय संघ ने भी मदद के हाथ बढ़ाए
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की अपील के बाद यूरोपीय संघ भी तुर्की और सीरिया में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आया है। इसके अलावा यूरोपीय संघ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद जुटाने के लिए प्रयासरत है।
यूरोपीय संघ ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध झेल रही सीरिया सरकार के अनुरोध पर वह 35 लाख यूरो (31 करोड़ रुपये) की मदद भेज रहा है, जो यहां सरकार और विद्रोहियों के नियंत्रण वाले दोनों ही इलाकों के लिए है।
भारत
भारत का दोनों देशों की मदद के लिए 'ऑपरेशन दोस्त' जारी
भारत भी 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत दोनों देशों को मदद और राहत सामाग्री मुहैया करा रहा है। भारतीय वायुसेना के चार विमान तुर्की पहुंच चुके हैं, जिनमें बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत बल (NDRF) की टीमें, वाहन और डॉग स्क्वॉड शामिल हैं।
इसके अलावा एक्स-रे मशीनें, वेंटिलेटर, ऑपरेशन थिएटर और एम्बुलेंस जैसे विभिन्न उपकरणों और दवाइयों के साथ 30 बेड का एक अस्पताल तैयार करने के लिए सामान भेजा गया है।
भूकंप
तुर्की में सदी का सबसे शक्तिशाली भूकंप
तुर्की में पहले भी कई शक्तिशाली भूकंप आ चुके हैं, लेकिन यह सदी का सबसे विनाशकारी भूकंप साबित हुआ है।
साल 1999 में दूजा में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था और इसमें 17,000 से अधिक लोग मारे गए थे। जनवरी, 2020 में एलाजिग में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
पिछले साल एजियम सागर में 7.0 तीव्रता के भूकंप में 114 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी।