इंडोनेशिया में लगे 5.6 तीव्रता वाले भूकंप के झटके, 44 की मौत और 300 घायल
इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में सोमवार को 5.6 तीव्रता वाले भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भीषण भूकंप के कारण दर्जनों इमारतें तबाह हो गईं। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। भूकंप के कारण घटित हादसों में अब तक 44 लोगों की मौत हो गई, जबकि 300 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं। पुलिस और लोगों ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया है तथा घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है।
सियांजुर क्षेत्र में था भूकंप का केंद्र
सियांजुर जिला प्रशासन के प्रवक्ता एडम ने बताया कि अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार 5.6 तीव्रता के भूकंप ने जावा को हिला कर रख दिया। भूकंप का केंद्र पश्चिम जावा के सियांजुर में करीब 10 किलोमीटर (6.21 मील) की गहराई में था। उन्होंने बताया कि भूकंप के कारण 44 लोगों की मौत हो चुकी है और 300 से अधिक घायल हुए हैं। उनका उपचार जारी है। इसी तरह भूकंप से सैकड़ों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
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तेजी से चल रहा है बचाव और राहत कार्य- हेर्मवान
सियांजुर पुलिस प्रमुख डोनी हेर्मवान ने मेट्रो टीवी को बताया कि भूकंप के झटकों के बाद बचाव और राहत कार्य तेजी से चलाया जा रहा है। एक बिल्डिंग के मलबे में फंसे तीन लोगों में एक महिला और बच्चे को बचा लिया गया है, लेकिन एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। अन्य लोगों को भी बचाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और भूकंप के कारण लोगों में भय का माहौल है।
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स्थानीय प्रशासन ने लोगों से की घरों से बाहर रहने की अपील
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सुरक्षा की दृष्टि से फिलहाल घरों से बाहर खुली जगहों पर रहने की अपील की है। इंडोनेशिया की मौसम विज्ञान एजेंसी के प्रमुख के अनुसार, अभी भी भूकंप के झटके आ सकते हैं। ऐसे में लोगों को सुरक्षित जगहों पर पनाह लेनी चाहिए। इसके बाद कुछ लोगों ने जकार्ता के केंद्रीय व्यापार जिले में कार्यालयों को खाली कर दिया है। इसी तरह बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोग भी बाहर आ गए हैं।
शुक्रवार को राजधानी जकार्ता में आया था भूकंप
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। उसके बाद लोग अपने-अपने घरों से बाहर दौड़ पड़े थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तिव्रता 6.6 मापी गई थी। भारतीय समयानुसार भूकंप शाम 7:07 बजे पर आया था और इसका केंद्र जमीन से 20 किलोमीटर की गहराई में था। इसके कारण हजारों की संख्या में घरों को नुकसान पहुंचा था और कई लोगों की मौत हुई थी।
प्राकृतिक आपदाओं को प्रभावित रहता है इंडोनेशिया
इंडोनेशिया रिंग ऑफ फायर पर स्थित होने के कारण अक्सर भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट और सूनामी से प्रभावित होता है। फरवरी में पश्चिम सुमात्रा में 6.2 तीव्रता के भूकंप से 25 लोगों की मौत हुई थी और 460 घायल हुए थे। इसी तरह जनवरी 2021 में पश्चिम सुलावेसी प्रांत में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप से 100 से अधिक लोगों की मौत और 6,500 लोग घायल हुए थे। साल 2004 में भूकंप और सूनामी से हजारों लोगों की मौत हुई थी।