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मोदी सरकार ने संसद को बताया, 2014 से 2018 के बीच मारे 800 आतंकवादी

मोदी सरकार ने संसद को बताया, 2014 से 2018 के बीच मारे 800 आतंकवादी

Jul 03, 2019
06:58 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद को सूचित किया कि 2014 से 2018 के बीच 800 आतंकवादियों को मारा जा चुका है। इनमें से 249 आतंकवादी अकेले 2018 में मारे गए। रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नायक ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित सवाल के जवाब में ये जानकारी दी। वहीं, पूर्व बयानों के अनुसार, इस साल केवल कश्मीर में सुरक्षा बल 70 से अधिक आतंकियों का सफाया कर चुके हैं।

बयान

'आतंकवादियों का बखूबी मुकाबला कर रहे सुरक्षा बल'

नायक ने अपने जवाब में बताया कि 2014 में 104, 2015 में 97, 2016 में 140 और 2017 में 210 आतंकी मारे गए। उन्होंने कहा, "नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठियों को मारकर और आतंरिक इलाकों में आतंकरोधी अभियान चलाकर और आतंकवादियों द्वारा शुरू किए गए मामलों का जवाब देकर, दोनों जगह सुरक्षा बल आतंकी गतिविधियों का मुकाबला कर रहे हैं।" बता दें कि पुलवामा हमले के बाद 2019 में आतंकियों के सफाए में और तेजी आई है।

सीजफायर उल्लंघन

सेना ने दिया सीजफायर उल्लंघन का भरपूर जवाब

नायक ने बताया कि सुरक्षा बलों के इन लगातार अभियानों के कारण बड़ी संख्या में आतंकवादियों को मारने में सफलता मिली है। एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सेना ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर सीजफायर उल्लंघन का मजबूत और निर्णायक जवाब दिया। उन्होंने बताया कि इस साल मार्च, अप्रैल और मई में सीजफायर उल्लंघन के 267, 234 और 221 मामले सामने आए। ये सभी आंकड़े पुलवामा आतंकी हमले के बाद के हैं।

बयान

राष्ट्रीय सुरक्षा की लगातार समीक्षा करती है सरकार- श्रीपद

नायक ने बताया कि खतरों के मूल्यांकन और सुरक्षा अनिवार्यताओं को देखते हुए सरकार लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा की समीक्षा करती है और सुरक्षा चुनौतियों और ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से उपयुक्त सुरक्षा उपकरणों को खरीदने के लिए कदम उठाती है।

आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई

इस साल मारे गए 70 से अधिक आतंकी

इससे पहले अप्रैल में 15 कॉर्प्स के GOC केजेएस ढिल्लन ने बताया था कि 2019 में अभी तक राज्य में 69 आतंकियों का सफाया किया जा चुका है। इसमें पुलवामा हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के 25 आतंकी थे, जिनमें से 13 पाकिस्तानी थे। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में जैश के शीर्ष नेतृत्व के सफाए के बाद कोई भी उसकी कमान संभालने को तैयार नहीं है और उन्हें फिर से सिर उठाने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।

खतरा

कश्मीर पर है IS की नजर

वहीं, दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) की भी भारत पर नजर है और कश्मीर उसके विशेष निशाने पर है। इराक और सीरिया में अपना दबदबा गंवाने के बाद वह भारतीय उपमहाद्वीप में जड़े जमाना चाहता है। लेकिन जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कुछ झंडों के अलावा राज्य में उसकी किसी भी उपस्थिति से इनकार किया है। हालांकि NIA की जांच और खुफिया अलर्ट में IS की नजर कश्मीर पर होने की बात सामने आई है।