रमज़ान में विज़िटर वीज़ा लेकर एशियाई देशों से भीख माँगने दुबई जाते हैं लोग: पुलिस
हाल ही में दुबई और आबूधाबी पुलिस ने एंटी बेगिंग कैंपेन (भीख माँगने के ख़िलाफ़ अभियान) शुरू किया है। इसके तहत पुलिस ने एशियाई देशों के कई भिखारियों को गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने प्रेस कॉन्फ़्रेन्स करके इसकी जानकारी दी और कहा कि एशियाई देशों पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश से भिखारी एक महीने का विज़िटर वीज़ा लेकर यहाँ आते हैं और भीख माँगते हैं। पुलिस ने लोगों को भीख माँगने वालों के झाँसे में न आने की सलाह भी दी।
रमज़ान में खाड़ी देशों में बढ़ जाती है भिखारियों की संख्या
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रमज़ान के महीने में संयुक्त अरब अमीरात में काफ़ी अच्छी भीख मिल जाती है। शायद इसी वजह से रमज़ान के आस-पास दुबई और आबूधाबी के साथ ही अन्य खाड़ी देशों में भिखारियों की संख्या बढ़ जाती है।
गिरफ़्तार किए गए लोगों में 60% थे विज़िटर
दुबई पुलिस के डिप्टी डायरेक्टर ऑफ क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट कर्नल मोहम्मद अकील ने कहा कि पिछले साल 243 भिखारियों को रमज़ान के महीने में गिरफ़्तार किया गया था, जिनमें से 60% विज़िटर थे। उन्होंने बताया कि भिखारी रमज़ान के दौरान यहाँ आसानी से पैसा कमाने के लिए आए थे, क्योंकि वो लोग जानते हैं कि यहाँ के लोग मददगार और सहानुभूति रखते हैं। इस वजह से भिखारियों को बड़ी कमाई हो जाती है।
एक भिखारी के पास मिले 18 लाख रुपये
उन्होंने आगे कहा, "हमने रिहायशी इलाक़ों और मस्जिदों के पास भिखारियों पर नकेल कसने के लिए अधिकारियों की एक टीम भी तैनात कर रखी है।" उनके अनुसार, दुबई में एक ऐसा भिखारी भी पकड़ा गया, जिसके पास एक लाख दिरहम यानी 18 लाख रुपये मिले, जो उसने भीख माँगकर जुटाए थे। उन्होंने बताया कि इस महीने 250 से ज़्यादा भिखारी पकड़े जा चुके हैं। इन्हें सुनियोजित तरीके से यहाँ भेजा जाता है और ट्रैवेल कंपनियाँ इनकी मदद करती हैं।
कई भिखारी बचकर निकल जाते हैं पुलिस की नज़र से
बता दें कि 2015 में दुबई में 1405 एशियाई भिखारी पकड़े गए थे। वहीं पूरे संयुक्त अरब अमीरात में पिछले साल 781 भिखारियों को पकड़ा गया था। हालाँकि कई ऐसे भिखारी भी होते हैं, जो पुलिस की निगाहों से बचकर निकल जाते हैं।
रमज़ान के आस-पास सक्रिय हो जाता है गैंग
बताया जा रहा है कि एशियाई देशों में एक गैंग है, जो रमज़ान के पहले भिखारियों को खाड़ी देशों में भेजने के लिए सक्रिय हो जाता है। ऐसा आमतौर पर ट्रैवेल कंपनियों से जुड़े लोग करते हैं। वो पहले से ही इस काम के इच्छुक और भिखारियों का वीज़ा तैयार करते हैं। इसके बदले वो उनसे कमाई का एक हिस्सा लेते हैं। पुलिस ने शक जताया है कि दुबई में भी कोई इन भिखारियों के रहने का इंतज़ाम करता है।
पुरुष के साथ महिलाएँ और बच्चे भी माँगते हैं भीख
दुबई पुलिस अब इस मामले की जाँच करने जा रही है और दोषी ट्रैवेल कंपनियों पर मोटा हर्ज़ाना भी लगाएगी। इसके साथ ही ऐसी कंपनियों को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा। आमतौर पर रमज़ान के महीने में जो भिखारी आते हैं, वो लाखों की कमाई करके वापस लौटते हैं। इस गैंग में ने केवल पुरुष बल्कि महिलाएँ और बच्चे भी होते हैं। इस वजह से भीख माँगने वालों को काफ़ी सनाहनुभूति और ज़्यादा पैसे मिलते हैं।