युगांडा में स्कूल पर आतंकवादी हमला, कई छात्रों समेत 40 लोगों की मौत
क्या है खबर?
इस्लामिक स्टेट से जुड़े आतंकवादियों ने युगांडा के एक स्कूल में हमला कर दिया, जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर छात्र हैं।
हमले में कई लोगों के घायल होने की भी खबर है, जिनमें से 8 घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।
बताया जा रहा है कि स्थानीय समयानुसार हमला शुक्रवार रात 11.30 बजे किया गया। करीब 6 छात्रों को बंधक बनाकर अगवा किए जाने की भी खबर है।
आग
आतंकियों ने हॉस्टल में आग लगाई
BBC के मुताबिक, आतंकियों ने एक हॉस्टल को आग लगा दी और मेस से खाना भी लूटकर ले गए।
युगांडा की सेना के मेजर जनरल डिक ओलम ने मीडिया को बताया कि छात्रों को या तो जला दिया गया या उनकी हत्या कर दी गई और छात्राओं को स्कूल परिसर में ही बंधक बनाकर रखा गया। स्कूल में बम धमाके होने की भी खबर है।
कुछ शव इतने जले हुए हैं कि उनकी पहचान DNA के जरिए की जाएगी।
जिम्मेदारी
हमले के पीछे ADF का हाथ होने का शक
माना जा रहा है कि हमले के पीछे कांगो स्थित युगांडा के एक समूह एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) का हाथ है।
पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद सैनिकों ने हमलावरों का पीछा भी किया, लेकिन हमलावर कांगो के विरुंगा नेशनल पार्क की ओर भागने में सफल हो गए।
आशंका जताई जा रही है कि आतंकी इसी पार्क में छिपे हैं। सेना ने आतंकियों का पता लगाने के लिए हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं।
हमला
अप्रैल में भी ADF ने किया था हमला
ADF ने इससे पहले अप्रैल में भी एक गांव में हमला किया था, जिसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी।
मार्च में भी युगांडा के मुकोंदी गांव में ADF के आतंकियों ने हमला किया था, जिसमें 36 लोग मारे गए थे।
2021 में राजधानी कंपाला में हुए आत्मघाती हमले के लिए भी युगांडा सरकार ADF को जिम्मेदार ठहराती है। इस हमले के बाद युगांडा ने ADF के ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।
ADF
कौन है ADF?
अल-जजीरा के मुताबिक, 1995 में युगांडा मुस्लिम लिबरेशन आर्मी और नेशनल आर्मी ने साथ मिलकर ADF की स्थापना की थी। वर्तमान में ADF को ISIS का समर्थन हासिल है।
इनका लक्ष्य युगांडा की मुसेवनी सरकार को हटाना था। हालांकि, 2013 में ADF ने कांगों की सेना पर हमला करना शुरू कर दिया।
इसके बाद वहां की सेना ने आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की। अमेरिका भी ADF को आतंकी संगठन घोषित कर चुका है।