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रूस ने बेलारूस भेजे परमाणु हथियार, व्लादिमीर पुतिन बोले- खतरा होने पर करेंगे इस्तेमाल
व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस में परमाणु हथियार भेजे जाने की पुष्टि की है

रूस ने बेलारूस भेजे परमाणु हथियार, व्लादिमीर पुतिन बोले- खतरा होने पर करेंगे इस्तेमाल

लेखन आबिद खान
Jun 17, 2023
11:32 am

क्या है खबर?

रूस ने पहली बार अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बेलारूस भेजा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस बात की पुष्टि की है। सेंट पीट्सबर्ग में इंटरनेशनल इकोनोमिक फोरम में बोलते हुए पुतिन ने कहा कि इन हथियारों का इस्तेमाल तभी किया जाएगा, जब उनके क्षेत्र या राज्य को खतरा होगा। इससे पहले बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने भी पुष्टि की थी कि रूस से उन्हें परमाणु हथियार मिले हैं।

पुतिन

पुतिन ने परमाणु हथियार भेजे जाने की पुष्टि की

यूक्रेन युद्ध में परमाणु हथियार के इस्तेमाल को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि यह उन सभी लोगों के खिलाफ एक निवारक उपाय है, जो रूस और उसकी रणनीतिक हार के बारे में सोचते हैं। उन्होंने कहा, "परमाणु हथियार की पहली खेप बेलारूस भेजी जा चुकी है। हम यह काम गर्मियों के अंत तक या साल के अंत तक पूरी तरह से कर लेंगे।"

बयान

पुतिन बोले- जरूरत पड़ने पर करेंगे इस्तेमाल

पुतिन ने कहा कि वे पूरी दुनिया को डराना नहीं चाहते, लेकिन रूस के लिए खतरा होने की स्थिति में इन हथियारों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा, "परमाणु हथियार रूसी राज्य के अस्तित्व की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन हमें फिलहाल उनका इस्तेमाल करने की कोई जरूरत नहीं है।" बता दें कि सोवियत संघ के विघटन के बाद ये पहली बार है, जब रूस ने विदेशी धरती पर परमाणु हथियार तैनात किए हैं।

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हथियार

रूस ने कौन-कौनसे हथियार भेजे हैं?

बेलारूस के राष्ट्रपति के मुताबिक, उन्हें रूस से खतरनाक बम और मिसाइल मिली हैं। उन्होंने कहा था कि ये 1945 में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से 3 गुना ज्यादा खतरनाक हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनमें कई सामरिक परमाणु हथियार हैं। इनका उपयोग सीमित हमले के लिए किया जाता है। बड़े स्तर पर विकिरण को फैलाए बिना एक विशेष क्षेत्र में दुश्मन के ठिकानो को खत्म करने के लिए इनका इस्तेमाल किया जाता है।

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हथियार

रूस के ही कब्जे में रहेंगे हथियार

भले ही इन हथियारों की तैनाती बेलारूस में हो, लेकिन इनका देखरेख और नियंत्रण रूस के कब्जे में ही रहेगा। रूस की एटॉमिक एजेंसी ही इनकी देखभाल करेगी। इन हथियारों को बेलारूस की सीमा पर तैनात किया जाएगा जो NATO में शामिल लिथुआनिया, लातविया और पोलैंड जैसे देशों को छूती है। इस लिहाज से इस कदम के रणनीतिक मायने भी हैं। रूस ने कहा कि ऐसा करके वह किसी अंतरराष्ट्रीय संधि का उल्लंघन नहीं कर रहा है।

जानकारी

रूस के इस कदम पर अमेरिका का क्या कहना है?

पुतिन के बयान के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा, "हमें ऐसा कोई संकेत नहीं दिख रहा है कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है।"

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