कश्मीर: लगातार हो रही हत्याओं से दहशत में कश्मीर में तैनात सरकारी कर्मचारी, ट्रांसफर की मांग
कश्मीर में एक के बाद एक लक्षित हत्याओं से दहशत में आए घाटी में तैनात सरकारी कर्मचारियों ने आज जम्मू में मार्च निकाला और उनका ट्रांसफर तत्काल उनके गृह जिलों में करने की मांग की। ये मार्च प्रेस क्लब से अंबेडकर चौक तक निकाला गया और इसमें सैकड़ों कर्मचारी शामिल हुए। कई प्रदर्शनकारियों के हाथ में उनकी मांगों का जिक्र करने वाली तख्तियां लगी हुई थीं। प्रदर्शनकारी आतंकियों द्वारा मारी गई शिक्षिका रजनी बाला की तस्वीर भी लेकर आए थे।
कर्मचारी बोले- काम पर नहीं लौटेंगे, सरकार हत्याएं रोकने में असफल रही
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कश्मीर में कार्यरत ये सैंकडों सरकारी कर्मचारी जम्मू के रहने वाले कर्मचारियों के संगठन 'अखिल जम्मू आरक्षित वर्ग कर्मचारी संघ' के बैनर तले जमा हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे अपने काम पर नहीं लौटेंगे क्योंकि सरकार लक्षित हत्याओं को रोकने और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करने में असफल रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रशासन पर भरोसा नहीं रहा है।
मौजूदा माहौल में काम पर वापस नहीं लौट सकते- शिक्षक
प्रदर्शन में शामिल दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में कार्यरत सरकारी शिक्षक रमेश चंद ने कहा, "अंतर-जिला नीति के तहत जम्मू के विभिन्न जिलों के लगभग 8,000 कर्मचारी कश्मीर में काम कर रहे हैं। हम मौजूदा माहौल में वापस जाकर अपना काम शुरू नहीं करेंगे। हम पिछले 15 साल से वहां सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन लक्षित हत्याओं में वृद्धि के कारण असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।" उन्होंने रजनी की नाबालिग बच्ची को मुफ्त शिक्षा और सरकारी नौकरी की मांग की।
एक अन्य कर्मचारी ने कहा- सरकारी आवास नहीं, ट्रांसफर चाहिए
उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात एक अन्य कर्मचारी अंजना बाला ने कहा, "हमें सरकारी आवास या प्रमोशन की आवश्यकता नहीं है, हम केवल घाटी से अपना ट्रांसफर चाहते हैं क्योंकि हर कर्मचारी को सुरक्षा प्रदान करना संभव नहीं है।" उन्होंने कहा कि कश्मीर में कोई भी सुरक्षित स्थान नहीं है और कर्मचारी घाटी में ही स्थानांतरण के सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों ने हमेशा उनका समर्थन किया है।
कश्मीर में बढ़ी हैं लक्षित हत्याएं, कुलगाम में तीन दिन में दो कर्मचारी की हत्या
हालिया समय में कश्मीर में लक्षित हत्याओं में वृद्धि देखन को मिली है और इनमें कश्मीरी पंडितों और बाहर के रहने वाले सरकारी कर्मचारियों को खास तौर पर निशाना बनाया गया है। कुलगाम में तीन दिन के अंदर ऐसी दो हत्याएं हो चुकी हैं। आतंकियों ने पहले मंगलवार को महिला शिक्षक रजनी बाला की गोली मारकर हत्या की और फिर आज बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या कर दी गई। रजनी की मौत के बाद से प्रदर्शन शुरू हुए हैं।
सरकार क्या कर रही?
इन लक्षित हत्याओं को रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया है, हालांकि आज गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने मुद्दे पर बैठक की। कल उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ भी उनकी बैठक है। इसमें कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। फिलहाल के लिए पुलिस ने उन इलाकों को सील कर दिया है जहां कश्मीरी पंडित या सरकारी कर्मचारी रहते हैं।