सऊदी राजकुमार की चेतावनी, ईरान को नहीं रोका तो 'अकल्पनीय' हो जाएंगे तेल के दाम
क्या है खबर?
सऊदी अरब के राजकुमार मोहम्मद बिल सलमान ने रविवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पूरी दुनिया ईरान को रोकने में साथ नहीं आती तो तेल के दाम अकल्पनीय स्तर पर होंगे।
उनका ये बयान सऊदी की सरकारी तेल कंपनी अरामको की दो तेल रिफाइनरियों पर ड्रोन हमले की पृष्ठभूमि पर आया है, जिससे सऊदी के तेल उत्पादन में 50 प्रतिशत से अधिक कमी आई है।
ईरान पर इस हमले में शामिल होने का आरोप है।
बयान
बिल सलमान बोले, तेल के दाम इतने होंगे जितने हमने अपने पूरे जीवन में नहीं देखें
अमेरिका के न्यूज चैनल CBS को दिए गए इंटरव्यू में बिन सलमान ने पहली बार इस हमले पर बयान दिया है।
उन्होंने कहा, "अगर दुनिया ईरान को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई नहीं करती तो हमें तनाव में और वृद्धि देखने को मिलेगी जिससे वैश्विक हित खतरे में आएंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "ईरान की वजह से तेल की आपूर्ति प्रभावित होगी और तेल के दाम इतने अकल्पनीय स्तर पर पहुंच जाएंगे जितने हमने अपने पूरे जीवन में नहीं देखे।"
विवादों का निपटारा
सऊदी राजकुमार बोले, ईरान के साथ शांतिपूर्ण और राजनीतिक समाधान चाहते हैं
बिन सलमान ने हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वह अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से सहमत है कि ये हमला ईरान की तरफ से युद्ध की शुरूआत था।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद वह ईरान के साथ विवादों का शांतिपूर्ण और राजनीतिक समाधान चाहते हैं क्योंकि अगर ईरान और सऊदी अरब में युद्ध हुआ तो वैश्विक अर्थव्यवस्था ढह जाएगी।
बता दें कि पोम्पियो ने ईरान पर हमला करने का आरोप लगाया था।
जानकारी
राष्ट्रपति ट्रम्प को दी ईरान के साथ परमाणु संधि पर सलाह
बिन सलमान ने इस बीच सलाह दी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी से मिलकर नई परमाणु संधि के बारे में बात करनी चाहिए, ताकि ईरान के प्रभाव को मध्यपूर्व में सीमित किया जा सके।
पृष्ठभूमि
14 सितंबर को हुआ था सऊदी की तेल फैक्ट्रियों पर हमला
14 सितंबर को सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको की अबकैक और खुरैस स्थित तेल फैक्ट्रियों पर ड्रोन हमला किया गया था।
अबकैक में अरामको की सबसे बड़ी रिफाइनरी है और इसे सऊदी अरब के तेल उत्पादन का दिल माना जाता है।
इस हमले से सऊदी अरब के तेल उत्पादन में 57 लाख बैरल की कमी आई है जोकि उसके कुल उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत और वैश्विक तेल उत्पादन का छह प्रतिशत है।
हमले की जिम्मेदारी
हूती विद्रोहियों ने ली हमले की जिम्मेदारी, ईरान पर उठ रही उंगलियां
हमले की जिम्मेदारी यमन के हूती विद्रोहियों ने ली थी और कहा था कि वह भविष्य में भी ऐसे हमलों को अंजाम दे सकते हैं।
हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन हासिल है और इसलिए इस मामले में ईरान पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अमेरिका ने तो ईरान पर हमले में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया है।
लेकिन ईरान ने इन आरोपों का खंडन किया है।
तनाव
संबंधों में बढ़ा तनाव
हमले के बाद सऊदी अरब और ईरान के बीच तनाव बढ़ा है और संयुक्त राष्ट्र (UN) महासभा में दोनों के बीच सुलह कराने के प्रयास असफल सिद्ध हुए।
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव भी बढ़ा है।
दोनों देशों में ट्रम्प प्रशासन के ईरान के साथ परमाणु संधि रद्द करने और नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने के बाद से ही तनाव चल रहा है।
जून में ईरान के एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराने के बाद तनाव और बढ़ गया था।
जानकारी
दुनिया पर क्या असर पड़ेगा?
सऊदी अरब दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है और वैश्विक तेल उत्पादन में उसकी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सऊदी की तेल आपूर्ति प्रभावित होने पर तेल की कीमत ऊपर जाएगी और एक बड़ा वैश्विक आर्थिक संकट ख़ड़ा हो सकता है।
भारत पर असर
भारत भी नहीं रहेगा असर से अछूता
इसका भारत पर भी असर देखने को मिलेगा।
सऊदी अरब भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल सप्लायर है और तेल के कुल आयात में उसकी 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
भारत सऊदी अरब से हर महीने लगभग 20 लाख टन कच्चा तेल खरीदता है।
भारत पर सऊदी से तेल आपूर्ति कम होने का कितना असर पड़ सकता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हालिया हमले के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत तेजी से बढ़ी है।
जमाल खशोगी हत्या
बिन सलमान ने खशोगी की हत्या में शामिल होने से किया इनकार
बिन सलमान ने इंटरव्यू में सऊदी पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या में खुद के शामिल के आरोपों पर भी जवाब दिया।
उन्होंने कहा, "मैं इसमें शामिल नहीं था लेकिन वह इसकी जिम्मेदारी लेते हैं क्योंकि सऊदी सरकार के लिए काम कर रहे लोगों ने इसे अंजाम दिया।"
खशोगी की पिछले साल तुर्की में सऊदी दूतावास में निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी। वह सऊदी के राजसी परिवार के आलोचक थे और कभी परिवार के बेहद नजदीक रहे थे।