
रूस: अपने हथियार सरकार को सौंपेंगे वागनर समूह के लड़ाके, वापस लिए जाएंगे बगावत के मुकदमे
क्या है खबर?
रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले वागनर समूह के लड़ाके अपने हथियार और उपकरण सरकार को सौंपेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि सरकार भी वागनर समूह के लड़ाकों के खिलाफ दर्ज किए गए कानूनी मामलों को वापस लेगी।
वागनर समूह ने शनिवार को रूसी सरकार के खिलाफ बगावत कर दी थी, लेकिन एक समझौते के बाद अपने कदम वापस खींच लिए थे।
समझौता
समझौते के तहत वापस लिए जाएंगे मामले
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी RIA नोवोस्ती के मुताबिक, वागनर समूह के लड़ाकों के खिलाफ दर्ज मामले इसलिए वापस लिए गए हैं क्योंकि उन्होंने सीधे तौर पर अपराध करने के उद्देश्य से कार्रवाई नहीं की थी।
बता दें कि समूह के प्रमुख येवगिनी प्रिगोजिन और रूसी सरकार के बीच हुए समझौते के दौरान भी आपराधिक मामले वापस लेने पर सहमति बनी थी। रूस के रोस्तोव शहर पर कब्जा करने वाले इन लड़ाकों को सुरक्षा गारंटी भी दी गई थी।
बयान
सेना और नागरिक विद्रोहियों के पक्ष में नहीं थे- पुतिन
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को क्रेमलिन में सैन्य अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने वागनर समूह के विद्रोह को रोकने के लिए रूसी सेना और सुरक्षा एजेंसियों की तारीफ करते हुए कहा, "सेना और नागरिक विद्रोहियों के पक्ष में नहीं थे।"
पुतिन ने कहा कि रूस को विद्रोह से लड़ने के लिए यूक्रेन से अपने सैनिकों को वापस बुलाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ा।
इस दौरान रूस के रक्षा मंत्री भी मौजूद रहे।
बयान
पुतिन ने विद्रोह से निपटने के दौरान मारे गए पायलटों की प्रशंसा की
पुतिन ने सोमवार रात को देश को संबोधित करते हुए बताया था कि वागनर समूह के विद्रोह से निपटने के दौरान कुछ रूसी पायलटों की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि इन पायलटों के साहस और बलिदान ने रूस को बगावत के विनाशकारी परिणामों से बचा लिया।
हालांकि, इस दौरान गिराए गए विमानों या मारे गए पायलटों की संख्या के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी गई है।
संबोधन
लुकाशेंको बोले- रूस की स्थिति का फायदा उठाना चाहते थे पश्चिमी देश
रूस के पड़ोसी देश बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि रूस में भाड़े के सैनिकों के विद्रोह को देखना उनके लिए दर्दनाक था। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस की स्थिति को देखते हुए फायदा उठाना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि बेलारूस में भी पुलिस और विशेष बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया था।
गौरतलब है कि लुकाशेंको ने वागनर समूह और रूसी सरकार के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
बगावत
रूस में क्यों हुई थी बगावत?
प्रिगोजिन ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन युद्ध के बीच वागनर समूह के प्रशिक्षण कैंप पर रूसी सेना के आदेश पर मिसाइलों से हमले किए गए थे। उन्होंने कहा था कि इन हमलों में उसके कई सैनिक मारे गए और रूस की सेना वागनर समूह को तबाह करना चाहती है।
इसके बाद उन्होंने बगावत का ऐलान करते हुए यूक्रेन से लगी हुई रूस की सीमा में प्रवेश कर लिया था और रोस्तोव शहर पर कब्जा कर लिया था।