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कोरोना वायरस: फाइजर के बाद रूस का दावा- हमारी स्पूतनिक वैक्सीन 92 प्रतिशत प्रभावी

कोरोना वायरस: फाइजर के बाद रूस का दावा- हमारी स्पूतनिक वैक्सीन 92 प्रतिशत प्रभावी

Nov 12, 2020
10:04 am

क्या है खबर?

अमेरिकी कंपनी फाइजर के बाद अब रूस ने भी अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' के संक्रमण रोकने में 92 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया है। वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के डाटा के शुरूआती विश्लेषण के बाद वैक्सीन के इतने प्रभावी होने की बात सामने आई है। हालांकि अभी ट्रायल के आंकड़ों की समीक्षा बाकी रहती है। बता दें कि रूस में पहले से ही लोगों को ये वैक्सीन दी जा रही है।

बयान

संक्रमण के पहले 20 मामलों के आधार पर स्पूतनिक के प्रभावी होने का दावा

वैक्सीन के निर्माण में शामिल सरकारी कंपनी रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने बुधवार को बयान जारी करते हुए बताया कि स्पूतनिक के प्रभावी होने का डाटा ट्रायल में शामिल लगभग 16,000 लोगों के मूल्यांकन के बाद सामने आया है। बयान के अनुसार, ट्रायल में शामिल इन लोगों में सामने आए कोरोना वायरस से संक्रमण के पहले 20 मामलों के विश्लेषण से पता चला कि दूसरी खुराक के बाद स्पूतनिक वैक्सीन 92 प्रतिशत प्रभावी है।

सुविधा

दो रूपों में बनाई गई है स्पूतनिक, दूरदराज इलाकों तक ले जाना होगा आसान

RDIF ने ये भी बताया कि स्पूतनिक वैक्सीन को दो रूपों में बनाया गया है। पहला द्रव रूप है जिसे माइनस 18 डिग्री सेल्सियस पर रखना जरूरी होगा। वहीं दूसरा लाइयोफिलाइज्ड (जमे हुए) रूप में हैं और इसे 2 से 8 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखा जा सकेगा और इसने दूरदराज इलाकों में ले जाने में आसानी होगी। RDIF के प्रवक्ता ने कहा कि दूरदराज के इलाकों को देखते हुए ही विशेष तौर पर लाइयोफिलाइज्ड वैक्सीन बनाई गई है।

लॉन्च

अगस्त में लॉन्च हुई थी स्पूतनिक वैक्सीन

बता दें कि स्पूतनिक वैक्सीन को रूसी सेना ने मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ साझेदारी में विकसित किया है और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगस्त में इसे लॉन्च किया था। वैक्सीन को सर्दी-जुकाम करने वाले एडिनोवायरस को कमजोर और जेनेटिकली बदल कर बनाया गया है और पुतिन की बेटी और देश के स्वास्थ्य मंत्री समेत तमाम बड़ी हस्तियों को इसकी डोज दी जा चुकी है।

सवाल

बिना ट्रायल पूरे किए वैक्सीन लॉन्च करने पर उठे थे सवाल

रूस ने स्पूतनिक को पहले और दूसरे चरण के ट्रायल पूरा होने के बाद ही लॉन्च कर दिया था और इन दोनों चरणों में 38-38 लोगों को इसकी खुराक दी गई थी। बिना ट्रायल पूरे किए वैक्सीन लॉन्च करने के रूस के इस फैसले पर शीर्ष विशेषज्ञों ने सवाल उठाए थे और इसलिए इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में खास उत्साह नहीं देखने को मिला था। अभी अलग-अलग देशों में 40,000 लोगों पर इसका तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है।

भारत

भारत में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज कर रही स्पूतनिक का ट्रायल

भारत में भी स्पूतनिक वैक्सीन का दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल होना है और डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज यहां इसका निर्माण करेगी। इस ट्रायल में देश की लगभग 10 जगहों पर 1,500 से अधिक लोगों को वैक्सीन की खुराक दी जाएगी। इस लिहाज से स्पूतनिक के प्रभावी होने की खबर भारत के लिए एक खुशखबरी है और अगर रूस का दावा विशेषज्ञों की समीक्षा में सही पाया जाता है तो भारत में ट्रायल में तेजी लाई जा सकती है।

ट्रायल के नतीजे

अंतिम चरण के ट्रायल के नतीजे जारी करने वाली पहली कंपनी बनी थी फाइजर

बता दें कि सोमवार को ही फाइजर ने भी अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल के शुरूआती नतीजे जारी किए थे और वह ऐसा करने वाली पहली कंपनी बनी थी। कंपनी ने कहा था कि उसकी वैक्सीन 90 प्रतिशत प्रभावी है और अभी तक ये पूरी तरह सुरक्षित भी साबित हुई है। उसने सुरक्षा संबंधी डाटा मिलने के बाद इसी महीने आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी (EUA) हासिल करने के लिए आवेदन करने की बात भी कही थी।