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ड्यूटी पर विकलांग हाेने पर भी सेवा में बने रहेंगे CAPF कर्मचारी, सरकार ने की तैयारी
सरकार ने ड्यूटी पर विकलांग हाेने वाले CAPF कर्मचारियों को सेवा में बनाए रखने की शुरू की तैयारी

ड्यूटी पर विकलांग हाेने पर भी सेवा में बने रहेंगे CAPF कर्मचारी, सरकार ने की तैयारी

Jul 27, 2025
08:01 pm

क्या है खबर?

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) के अधिकारी और जवान अब ड्यूटी के दौरान अंगों की हानि समेत किसी भी स्थायी विकलांगता का शिकार होने पर भी सेवा में बने रहेंगे। इसके साथ ही वह एकमुश्त मूल वित्तीय लाभ के अलावा पदोन्नति और वेतन के लिए भी पात्र होंगे। गृह सचिव गोविंद मोहन ने रविवार को CAPF के 87वें स्थापना दिवस के मौके पर यह घोषणा की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में फैसला कर लिया है।

बयान

गृह सचिव ने क्या दिया बयान?

गृह सचिव मोहन ने कहा, "गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि जो जवान और अधिकारी ऑपरेशन के दौरान अंग खो देते हैं या शारीरिक विकलांगता का शिकार हो जाते हैं, उन्हें सेवा से नहीं हटाया जाएगा। ऐसे कर्मियों को इन बलों की कुछ चुनी हुई इकाइयों में काम करने के लिए तैनात किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके वेतन, भत्ते उनकी सेवानिवृत्ति तक जारी रहें।" सरकार का यह फैसला CAPF कर्मियों के लिए बड़ी राहत है।

सम्मान

"बहादुर कर्मियों का सुनिश्चित किया जाएगा सम्मान"

गृह सचिव मोहन ने कहा, "बहादुर कर्मियों का सम्मान और आदर सुनिश्चित किया जाएगा और वे अपनी सामान्य सेवानिवृत्ति तक सिर ऊंचा करके सेवा करेंगे।" उन्होंने आगे कहा कि सरकार घायल जवानों की सहायता के लिए अंग प्रतिस्थापन सर्जरी सहित दुनिया भर की सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार जवानों को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि विपरीत परिस्थितियों में उनका साथ देने के लिए एक मजबूत गृह मंत्रालय और भारत सरकार मौजूद है।

जानकारी

योजना को अंतिम रूप देने के लिए समिति गठित

CAPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने PTI को बताया कि इस पहल की क्रियान्वयन रणनीति के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) महानिदेशक ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। समिति जल्द ही अपनी सिफारिशें सरकार को भेजेगी।

परेशानी

CAPF कर्मचारियों के सामने आ रही थी परेशानी

CAPF अधिकारी ने बताया कि सैकड़ों CAPF कर्मियों को पिछले कुछ वर्षों में ऑपरेशन के दौरान स्थायी चोटें आई हैं, जिनमें अंगों या आंखों की रोशनी का नुकसान शामिल है। हालांकि, ऐसी चोटों के कारण बर्खास्तगी के मामले बहुत कम हैं, लेकिन कई कर्मियों की पदोन्नति रुकी हुई है क्योंकि वे मौजूदा फिटनेस मानकों को पूरा नहीं कर पाते हैं। समिति इन फिटनेस मानदंडों में ढील देने पर विचार करेगी, ताकि प्रभावित कर्मियों को पदोन्नति और अन्य लाभ मिल सके।