
कार के लिए ऑटोमैटिक या CVT में से कौन-सा गियरबॉक्स चुनें? जानिए फायदे और नुकसान
क्या है खबर?
कार खरीदार फीचर्स और इंजन के साथ ट्रांसमिशन विकल्पों पर भी ध्यान देते हैं, क्योंकि इस पर ड्राइविंग के साथ माइलेज भी निर्भर करता है। बार-बार गियर शिफ्ट की समस्या से छुटकारा पाने के लिए लोग ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प चुनते हैं। कई कार निर्माता ऑटोमैटिक गियरबॉक्स की जगह कंटीन्यूअस वेरिएबल ट्रांसमिशन (CVT) की पेशकश करती हैं। आइये जानते हैं ऑटोमैटिक और CVT में से आपके लिए कौनसा सही ट्रांसमिशन विकल्प है।
CVT
CVT गियरबॉक्स के क्या हैं फायदे और नुकसान?
CVT ट्रांसमिशन में पारंपरिक गियर नहीं होते हैं, बल्कि इसमें एक बेल्ट और पुली सिस्टम के जरिए गाड़ी की स्पीड के अनुसार गियर बदलता रहता है। इसका सबसे बड़ा फायदा स्मूथ ड्राइविंग और इंजन का अधिकतम रेंज में काम करना होता है। इस वजह से इसमें ईंधन की खपत कम होती है। इसके कूछ नुकसान भी हैं। इसमें पुली/बेल्ट सिस्टम शोर कर सकता है। इसकी मरम्मत महंगी होती है और रखरखाव के बिना बार-बार खराब हो जाता है।
ऑटोमैटिक गियरबॉक्स
क्यों चुनें ऑटोमैटिक गियरबाॅक्स?
ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन मल्टी-स्पीड एडजस्टेबल गियरबॉक्स होता है, जिसे ड्राइवर की निगरानी की कम या बिल्कुल आवश्यकता नहीं होती। एक ऑनबोर्ड कंप्यूटर हाइड्रोलिक सिस्टम के माध्यम से यह निर्धारित करता है कि इंजन को गियर ऊपर या नीचे करने की आवश्यकता है या नहीं। फायदा देखें तो इसकी मरम्मत आसान है और स्पेयर पार्ट्स आसानी से मिल जाते हैं। CVT की तुलना में ज्यादा टॉर्क सहन करने के साथ टिकाऊ है, लेकिन महंगा होने के साथ कम माइलेज देता है।