असम: रैगिंग से बचने लिए हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदा छात्र, मुख्यमंत्री ने की अपील
असम के डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में रैगिंग से बचने के लिए एक छात्र के कथित तौर पर आत्महत्या की कोशिश करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्र हॉस्टल की दूसरी मंजिल से कूदा था जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हुआ है। घायल छात्र का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है । मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने छात्रों से रैगिंग न करने की अपील की है।
कई दिनों से हो रही थी छात्र की रैगिंग
डिब्रूगढ़ पुलिस ने बताया कि घायल छात्र का नाम आनंद शर्मा है और उसके माता-पिता की शिकायत पर मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्र के साथ पिछले कई दिनों से रैगिंग की जा रही थी जिसके चलते वह काफी तनाव में था। पुलिस ने रैगिंग करने के आरोप में विश्वविद्यालय के एक पूर्व छात्र को को गिरफ्तार किया है, वहीं तीन अन्य छात्रों को हिरासत में लिया गया है।
कई छात्र किए गए विश्वविद्यालय से निलंबित
रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के प्रशासन ने मामला सामने आने के बाद जूनियर्स के साथ रैगिंग करने के संदेह में करीब 20 छात्रों को निलंबित कर दिया है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जितेन हजारिका ने कहा कि रैगिंग करने के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित छात्र के लिए न्याय की मांग को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन भी किया।
छात्र की मां ने लगाए गंभीर आरोप
घायल छात्र की मां सरिता शर्मा ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को काफी महीनों से मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि सीनियर्स ने उनके बेटे के साथ मारपीट करने के अलावा उसके रुपये और मोबाइल फोन भी छीन लिया था। उन्होंने आरोपियों पर छात्र के हाथ में शराब और गांजा देकर आपत्तिजनक तस्वीरें लेने का आरोप भी लगाया है, ताकि बाद में उसे ब्लैकमेल किया जा सके।
मुख्यमंत्री सरमा ने भी जारी किया बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रया दी है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई के साथ-साथ पीड़ित छात्र को चिकित्सा सहायता उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने छात्रों से रैगिंग नहीं करने की अपील भी की है।
यहां देखें मुख्यमंत्री सरमा का ट्वीट
क्या होती है रैगिंग?
रैगिंग में सीनियर छात्र कॉलेज में एडमिशन लेने वाले नए छात्रों से तरह-तरह की गतिविधियां कराते हैं। कई बार रैगिंग में ऐसे खराब कार्य कराए जाते हैं जिनसे छात्रों की गरिमा का हनन होता है। कई छात्र रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या भी कर चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक, भारत में 40 प्रतिशत छात्रों को रैगिंग का सामना करना पड़ता है। देश में रैगिंग कानूनी अपराध है और दोषी पाए जाने पर तीन साल की सजा हो सकती है।
रैगिंग के खिलाफ कहां कर सकते हैं शिकायत?
सुप्रीम कोर्ट के रैगिंग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बावजूद देश में इसके मामले सामने आते रहते हैं। रैगिंग को रोकने के लिए देश के सभी शैक्षणिक संस्थानों में एंटी-रैगिंग समिति और एंटी-रैगिंग दस्ते का गठन किया जाता है। रैगिंग का शिकार कोई भी छात्र या छात्रा यहां घटना की शिकायत कर सकता है। संस्थान की कार्रवाई से असंतुष्ट होने की स्थिति में पीड़ित छात्र या छात्रा पुलिस के पास जाकर FIR दर्ज करवा सकता है।