
पोप फ्रांसिस के बड़े फैसले: महिलाओं के अधिकार बढ़ाए, बच्चों के यौन शोषण पर मांगी माफी
क्या है खबर?
कैथोलिक ईसाईयों के धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का आज निधन हो गया है। वेटिकन ने बताया कि स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7:35 बजे उन्होंने आखिरी सांस ली।
पोप के निधन पर दुनियाभर में शोक की लहर है। 2013 में पोप बनने के बाद से उन्होंने कई ऐसे मुद्दों पर अपनी राय रखी, जिनसे आमतौर पर चर्च बचता आ रहा था। इनमें महिलाओं की भूमिका और समलैंगिकता जैसे मुद्दे शामिल हैं।
आइए पोप फ्रांसिस के कुछ चर्चित फैसलों को जानते हैं।
पुनर्विवाह
पुनर्विवाह को दी धार्मिक मंजूरी
पोप ने दोबारा शादी करने वाले तलाकशुदा कैथोलिक लोगों को धार्मिक मंजूरी दी। इसके लिए उन्होंने ऐसे लोगों को कम्यूनियन हासिल करने का अधिकार दिया, ताकि उनका सामाजिक बहिष्कार खत्म किया जा सके।
पुनर्विवाह करने वाले कैथोलिकों को इससे पहले ये धार्मिक संस्कार करने की अनुमति नहीं थी।
बता दें कि कम्यूनियन में यीशु के अंतिम भोज को याद करने के लिए ब्रेड/पवित्र रोटी और वाइन/अंगूर के रस का सेवन किया जाता है।
महिला अधिकार
महिलाओं को दिए व्यापक अधिकार
पोप फ्रांसिस ने महिलाओं को चर्चों में महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में शामिल होने की अनुमति दी। उन्होंने महिलाओं को ये अधिकार दिया कि वे वेटिकन बैठकों में बिशप के साथ वोट कर सकती हैं।
इसे महिला अधिकारों के लिए एक बड़ा सुधार माना गया। हालांकि, पोप फ्रांसिस ने महिलाओं को पादरी बनने की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने पादरियों को ये अनुमति दी कि वे गर्भपात कराने वाली महिलाओं को दोषमुक्त कर सकते हैं।
समलैंगिकता
समलैंगिकता पर अपनाया नरम रवैया
जब पोप से समलैंगिक लोगों के चर्च आने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, "अगर कोई समलैंगिक व्यक्ति ईश्वर की खोज कर रहा है तो मैं उसे जज करने वाला कौन होता हूं।"
2023 में उन्होंने AP से कहा कि समलैंगिक होना कोई अपराध नहीं है और इसे अपराधी बनाने वाले कानूनों को समाप्त कर देना चाहिए।
उन्होंने पादरियों को अनुमति दी कि वे समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद दे सकते हैं।
माफी
बच्चों के यौन शोषण पर माफी मांगी
पोप फ्रांसिस ने अप्रैल 2014 में चर्चों में बच्चों के साथ होने वाले यौन शोषण की बात स्वीकार की और सार्वजनिक माफी भी मांगी। चर्च के पादरियों की तरफ से किए गए इस अपराध को उन्होंने नैतिक मूल्यों की गिरावट कहा।
पोप फ्रांसिस ने वॉशिंगटन के सेवानिवृत्त आर्कबिशप थियोडोर मैककैरिक को भी पदच्युत किया, जिन पर आरोप था कि उन्होंने 1970 के दशक में एक नाबालिग लड़की से छेड़छाड़ की थी।
भ्रष्टाचार
वेटिकन में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए उठाए ये कदम
पोप फ्रांसिस ने घोटाले के आरोपों से घिरे वेटिकन बैंक के सुधार की देखरेख की और नौकरशाहों को वित्तीय रूप से कमजोर करने का प्रयास किया।
उन्होंने लंदन के एक रियल एस्टेट उद्यम में 3,300 करोड़ रुपये के निवेश के संदेह के बीच वेटिकन पुलिस को अपने स्वयं के राज्य सचिवालय और वेटिकन की वित्तीय निगरानी एजेंसी पर छापा मारने की अनुमति दी।
इस मामले में वेटिकन कोर्ट ने कार्डिनल एंजेलो बेकियू को गबन का दोषी ठहराया।
अन्य मुद्दों
दुनियाभर के मुद्दों पर क्या थी पोप की राय?
कोरोना वायरस को लेकर उन्होंने दुनिया से आग्रह किया कि वे इसे आर्थिक और राजनीतिक ढांचे पर पुनर्विचार करने के अवसर के रूप में उपयोग करें।
पोप फ्रांसिस ने मृत्युदंड को सभी परिस्थितियों में अस्वीकार्य बताया था।
परमाणु हथियारों को लेकर उन्होंने कहा कि उनका उपयोग ही नहीं, बल्कि उन्हें रखना भी अनैतिक है।
उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कहा था कि जो कोई भी प्रवासियों को बाहर रखने के लिए दीवार बना रहा है, वह ईसाई नहीं है।