समलैंगिकता पर बनीं बॉलीवुड फिल्में, जिनकी कहानियां दिल छू लेंगी
जून का महीना दुनियाभर में 'प्राइड मंथ' के रूप में मनाया जाता है। यह महीना समलैंगिकता को समर्पित होता है। लोग LGBTQ समुदाय के साथ अपना समर्थन जताने के लिए उनके साथ जश्न मनाते हैं। उनकी कहानियां बताकर लोगों को उन्हें स्वीकार करने के लिए प्रेरित करते हैं। बॉलीवुड भी समय-समय पर ऐसी कहानियां दिखाता रहा है। आइए, आपको बताते हैं उन बॉलीवुड फिल्मों के बारे में जिसने पर्दे पर समलैंगिकता की कहानी से दर्शकों का दिल छू लिया।
अलीगढ़
2015 में आई हंसल मेहता की फिल्म 'अलीगढ़' एक सच्ची घटना पर आधारित है। अलीगढ़ विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को नैतिकता के आधार पर निष्कासित कर दिया गया था जब उन्हें एक रिक्शा चालक के साथ शारीरिक संबंध बनाते हुए देखा गया था। अपनी लैंगिकता के कारण प्रोफेसर को न सिर्फ नौकरी से हाथ धोना पड़ा बल्कि समाज ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया। फिल्म में प्रोफेसर के किरदार में मनोज बाजपेई की उम्दा अदाकारी देखने को मिली।
कपूर ऐंड सन्स
शकुन बत्रा द्वारा निर्देशित यह फिल्म एक फैमिली ड्रामा है। फिल्म एक मजबूत स्टारकास्ट के साथ आई थी जिसमें आलिया भट्ट, फवाद खान, सिद्धार्थ मल्होत्रा, ऋषि कपूर और रत्ना पाठक शाह जैसे सितारे हैं। फिल्म एक ऐसे परिवार की कहानी है जिसके हर सदस्य की अपनी-अपनी जिंदगी में तूफान आया हुआ है। इस परिवार में एक दिन तब भूचाल आ जाता है जब पता चलता है कि परिवार का बड़ा बेटा राहुल समलैंगिक है।
एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा
राजकुमार राव और सोनम कपूर स्टारर यह फिल्म 2019 में आई थी। फिल्म में पहली बार अनिल कपूर और सोनम कपूर पर्दे पर बाप-बेटी की जोड़ी में नजर आए थे। फिल्म में सोनम कपूर एक लेस्बियन लड़की, स्वीटी के किरदार में नजर आई थीं। लड़कियों के लिए समाज में पहले ही चुनौतियां कम नहीं हैं। इसपर भी जब लड़की समलैंगिक हो तो उसकी जिंदगी एक घुटन बनकर रह जाती है। स्वीटी की इसी घुटन की कहानी है यह फिल्म।
शुभ मंगल ज्यादा सावधान
अपनी फिल्मों में अलग विषय को दर्शकों के सामने पेश करने वाले आयुष्मान खुराना 2020 में 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' में समलैंगिकता का विषय लेकर आए थे। इसमें उनके साथ वेब सीरीज के सुपरस्टार बन चुके अभिनेता जितेन्द्र कुमार ने समलैंगिक की भूमिका निभाई थी।
मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ
सोनाली बोस की 'मार्गरिटा विद अ स्ट्रॉ' में दो विषयों को जोड़ने की कोशिश की गई है। सेरेब्रल पाल्सी और समलैंगिकता को एक ही कहानी में बेहतरीन तरीके से बुना गया है। फिल्म की मुख्य किरदार लैला (कल्की केकला), सेरेब्रल पाल्सी से ग्रस्त है। लैला बड़ी उम्मीद से मां के सामने अपनी लैंगिकता का खुलासा करती है, लेकिन उसकी मां उसपर बिफर पड़ती है। लैला एक बाइसेक्शुअल है जो पुरुष और महिला दोनों के प्रति आकर्षित होती है।
न्यूजबाइट्स प्लस
लंबे समय तक भारत में समलैंगिकता एक अपराध माना जाता रहा। IPC की धारा 377 के तहत समलैंगिक संबंध अपराध के दायरे था। सितंबर, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए धारा 377 को रद्द कर दिया। समलैंगिकता प्राकृतिक है न कि आपराधिक।