
पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन, प्रधानमंत्री मोदी समेत दिग्गजों ने जताया शोक
क्या है खबर?
बीते कई दिनों से बीमार चल रहे कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। वेटिकन ने इसकी आधिकारिक घोषणा की है।
एक बयान में वेटिकन ने कहा कि 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस, जो डबल निमोनिया से उबर रहे थे, का कासा सांता मार्टा स्थित अपने निवास पर निधन हो गया है। उन्होंने स्थानीय समयानुसार आज सुबह 7:35 बजे आखिरी सांस ली।
पोप के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवेदनाएं जताई हैं।
बीमारी
कई दिनों से बीमार थे पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस बीते कई दिनों से फेफड़ों और किडनी में गंभीर संक्रमण से जूझ रहे थे। उन्हें 14 फरवरी को रोम के जेमेली अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
उनका निमोनिया और एनीमिया का इलाज भी चल रहा था। तब वेटिकन ने कहा था कि खून में प्लेटलेट्स की संख्या कम पाए जाने क बाद पोप फ्रांसिस को खून भी चढ़ाया गया था।
हालांकि, स्थिति में सुधार होने के बाद 23 मार्च को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी।
ईस्टर
एक दिन पहले ईस्टर कार्यक्रम में हुए थे शामिल
एक दिन पहले ही ईस्टर के मौके पर पोप फ्रांसिस सेंट पीटर्स स्क्वायर में हजारों लोगों को आशीर्वाद देने के लिए जनता के सामने आए थे। इस दौरान लोगों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया। बीते कई दिनों में ये पहली बार था, जब पोप फ्रांसिस सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे।
हालांकि, खराब स्वास्थ्य के कारण पोप फ्रांसिस ने पियाजा में ईस्टर की प्रार्थना में हिस्सा नहीं लिया था और उनका भाषण भी एक सहयोगी ने पढ़ा थी।
श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी समेत दुनियाभर के नेताओं ने दी श्रद्धांजलि
पोप के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।'
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉनडर लेयन ने लिखा, 'आज दुनिया पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक मना रही है। उन्होंने कैथोलिक चर्च से कहीं आगे बढ़कर अपनी विनम्रता और प्रेम से लाखों लोगों को प्रेरित किया।'
ट्विटर पोस्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने 2 बार पोप फ्रांसिस से मुलाकात की थी
Deeply pained by the passing of His Holiness Pope Francis. In this hour of grief and remembrance, my heartfelt condolences to the global Catholic community. Pope Francis will always be remembered as a beacon of compassion, humility and spiritual courage by millions across the… pic.twitter.com/QKod5yTXrB
— Narendra Modi (@narendramodi) April 21, 2025
परिचय
कौन थे पोप फ्रांसिस?
पोप फ्रांसिस का नाम जॉर्ज मारियो बेरगोलिया है। वे 17 दिसंबर, 1936 को अर्जेंटीना में पैदा हुए थे।
उन्होंने ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र की पढ़ाई की है। वे 33 साल की उम्र में पहली बार पादरी बने थे।
13 मार्च, 2013 को वे रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने थे। उन्होंने पोप बेनेडिक्ट सोलहवें की जगह ली थी।
वे सोसाइटी ऑफ जीसस (जेसुइट्स) के सदस्य बनने वाले और अमेरिकी महाद्वीप से आने वाले पहले पोप हैं।
जानकारी
पोप फ्रांसिस से जुड़े कुछ अनोखे तथ्य जानिए
पोप बनने से पहले बेरगोलिया ने एक क्लब में बतौर बाउंसर और केमिकल टेक्नीशियन काम किया था। वे बीते 1,000 साल में पोप बनने वाले पहले गैर-यूरोपीय शख्स थे। वे सोसाइटी ऑफ जीसस के सदस्य और अमेरिकी महाद्वीप से आने वाले पहले पोप थे।