केजरीवाल बोले- मुफ्त में लाखों का इलाज करवाने दिल्ली आते हैं बिहार वाले, तिवारी का पलटवार
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के एक बयान के बाद दिल्ली की सियासत का पारा चढ़ गया है। दरअसल, केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली की स्वास्थय सुविधाएं इतनी बढ़िया है कि बिहार का एक आदमी 500 रुपये का टिकट लेकर आता है और दिल्ली से पांच लाख का इलाज फ्री में करा लौटता है। इससे खुशी भी मिलती है, लेकिन दिल्ली की अपनी क्षमता है। केजरीवाल पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता मनोज तिवारी ने इसे शर्मनाक बयान बताया है।
क्या कहा केजरीवाल ने?
मंगोलपुरी में एक ट्रॉमा सेंटर का शिलान्यास करते हुए केजरीवाल ने कहा था कि बिहार का एक आदमी 500 रुपये का टिकट लेकर ट्रेन से दिल्ली आता है और यहां के अस्पतालों में पांच लाख का इलाज फ्री में करवा कर वापस चला जाता है। उन्होंने कहा कि इससे खुशी होती है कि देश के लोग हैं, लेकिन दिल्ली की अपनी कैपेसिटी है। दिल्ली पूरे देश के लोगों का इलाज कैसे करेगी? जरूरत है कि पूरे देश की व्यवस्था सुधरे।
यहां सुनिये केजरीवाल का पूरा भाषण
मनोज तिवारी ने साधा निशाना
केजरीवाल के इस बयान पर लोकसभा सांसद और दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मन में पूर्वांचलियों के प्रति जो घृणा का भाव था, वह आज उजागर हो गया। उन्होंने कहा कि यदि बिहार या दूसरे राज्यों के लोगों को दिल्ली के अस्पतालों में पांच लाख रुपए का फ्री में इलाज हो जाता है तो इसमें केजरीवाल का कलेजा क्यों फट रहा है। ये सुविधाएं केंद्र सरकार आयुष्मान भारत के तहत उपलब्ध करवा रही है।
NRC के मुद्दे पर आमने-सामने आये थे केजरीवाल और तिवारी
असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) की अंतिम सूची आने के बाद मनोज तिवारी ने दिल्ली में भी इसे लागू करने की बात कही थी। इस बारे में केजरीवाल से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में NRC लागू हुआ तो सबसे पहले मनोज तिवारी को दिल्ली छोड़नी पड़ेगी। इसके जवाब में तिवारी ने कहा था कि केजरीवाल की ये सोच राष्ट्र एकता की विरोधी है और इसमें भारत तेरे टुकड़े होंगे का भाव छिपा है।
अगले साल होंगे दिल्ली में विधानसभा चुनाव
दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश करेगी, वहीं सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी अपना एकमात्र किला बचाए रखने के लिए चुनाव में उतरेगी। चुनावों में अभी लंबा वक्त है, लेकिन राजनीतिक सरगर्मियां अभी से तेज होने लगी है। दोनों पार्टियां अपनी तैयारियों में जुट चुकी हैं, जबकि कांग्रेस अभी तक तस्वीर से गायब है।