अपने अकाउंट से पैसे निकाल सकेगा हाफिज सईद, पाकिस्तान की अपील पर UNSC ने दी इजाजत
क्या है खबर?
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से वैश्विक आतंकी हाफिज सईद को व्यक्तिगत खर्च के लिए उसके बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करने की अनुमति देने की मांग की थी।
इसके बाद UNSC कमेटी ने उसके परिवार की मदद के लिए उसके अकाउंट से मूलभूत खर्च की इजाजत दे दी है।
कमेटी ने कहा कि पाकिस्तान की मांग पर किसी ने आपत्ति नहीं की इसलिए इसकी इजाजत दी गई है।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
याचिका
सईद को मिलती है इतनी पेंशन
मुबंई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को UNSC ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था।
इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया था।
अब पाकिस्तान ने हाफिज के अकाउंट से उसके और उसके परिवार के लिए 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये निकालने की अनुमति मांगी थी।
पाकिस्तान ने कहा कि हाफिज ने 25 साल तक असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर काम किया है और उसके अकाउंट में 45,700 रुपये पेंशन के तौर पर आते हैं।
याचिका
परिवार की मदद के लिए हाफिज सईद को चाहिए पैसा- पाकिस्तान
पाकिस्तान ने अपनी याचिका में कहा कि सरकार ने उसका अकाउंट फ्रीज कर दिया था और अब उसे अपने मूलभूत खर्च पूरे करने के लिए 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये की जरूरत है।
इसमें कहा गया कि हाफिज के परिवार में चार लोग हैं और उसे उनके लिए खाने से लेकर कपड़ों तक का खर्च देना होता है।
पाकिस्तान का यह कदम उन दावों के बीच आया है, जिसमें वह आतंकवादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात करता है।
मामला
आतंकी फंडिंग मामले में दोषी करार हुआ हाफिज सईद
पिछले महीने मीडिया में रिपोर्ट्स आई थीं कि पाकिस्तान के गुजरांवाला की एक अदालत ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग मामले में दोषी करार दिया है साथ ही इस मामले को पाकिस्तान के गुजरात में शिफ्ट किया जाएगा।
बता दें कि हाफिज सईद को आतंकी फंडिग के आरोप में अन्य करीबी सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
भारत ने इसे दिखावे की कार्रवाई करार देते हुए कहा था कि वह पाकिस्तान के झांसे में नहीं आएगा।
हाफिज सईद
मुंबई हमलों के बाद हाफिज को घोषित किया गया था वैश्विक आतंकी
हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई पर हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।
हमलों के बाद UNSC ने हाफिज को वैश्विक आतंकवादी घोषित करते हुए उस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
लश्कर-ए-तैयबा भी आतंकी संगठनों की सूची में आता है, इसलिए उसने अपने तमाम आर्थिक और राजनीतिक काम चलाने के लिए JuD जैसे अन्य संगठन बना रखे हैं।
JuD लश्कर के मुखौटे के तौर पर काम करता है।