कोरोना वायरस: वैक्सीन खरीद में पिछड़ा पाकिस्तान, अधिक कीमत पर करना पड़ सकता है सौदा
दो वैक्सीनों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दिए जाने के बावजूद पाकिस्तान में अभी कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान शुरू नहीं हो पाया है और देश की सरकार इस बात को लेकर दुविधा में है कि वह कहां से वैक्सीन खरीदे। यही नहीं, एडवांस में अधिक वैक्सीनें न खरीदने के कारण पाकिस्तान को अब अधिक कीमत पर वैक्सीनें खऱीदनी पड़ सकती हैं। खराब रिश्तों के कारण वह भारत से भी मदद नहीं मांग रहा।
इमरान खान ने दिया है वैक्सीन खरीद में तेजी लाने का निर्देश
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे पाकिस्तान के मेडिकल रेगुलेटर ने हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका और चीन के सरकारी सिनोफॉर्म समूह की दो अलग-अलग वैक्सीनों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी। इस मंजूरी के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने वैक्सीन खरीद को लेकर बैठक की और कैबिनेट समिति को इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया। उनके इस निर्देश के बाद अधिकारी दुविधा में हैं कि वे कहां से वैक्सीन खरीदें और उनके पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है।
कमर्शियल बिक्री के जरिए वैक्सीन खरीदने पर विचार कर रहे अधिकारी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के अधिकारी अभी कमर्शियल बिक्री के जरिए वैक्सीन खरीदने पर विचार कर रहे हैं, हालांकि इसके लिए उन्हें अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। पाकिस्तान में वैक्सीन के सबसे बड़े आयातकों में शामिल सिंध मेडिकल स्टोर्स के उस्मान घानी के अनुसार, "चूंकि सरकार ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के आयात की मंजूरी दे चुकी है, हमारा अनुमान है कि सरकार को ये 6-7 अमेरिकी डॉलर प्रति खुराक की कीमत पर मिल सकती है।"
पहले भारत, फिर गावी और बांग्लादेश आदि की जरूरत पूरी करेगा SII- घानी
घानी ने कहा कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का मुख्य उत्पादक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पहले भारतीय सरकार की मांगों को पूरा करेगा और उसके बाद गावी और पहले से ही सौदा कर चुके बांग्लादेश जैसे देशों को आपूर्ति करेगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का नंबर इसके बाद आएगा और ये कहना मुश्किल है कि ऐसा कब होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके SII से अच्छे संबंध हैं और वे जल्द से जल्द वैक्सीन खरीदने की कोशिश करेंगे।
खराब रिश्तों के कारण भारत से मदद नहीं मांग रहा पाकिस्तान
मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के अनुसार, भारत के साथ अपने खराब रिश्तों के कारण पाकिस्तान ने महामारी के इस समय में भी उससे मदद नहीं मांगी है और इससे भी उसकी मुसीबतों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तान भारत के उन नौ पड़ोसी और सहयोगी देशों की सूची में भी शामिल नहीं था जिन्हें भारत सरकार मुफ्त में वैक्सीन की लाखों खुराकें प्रदान कर रहा है, ताकि वह अपना वैक्सीनेशन अभियान शुरू कर सकें।
पाकिस्तान को कोवैक्स के जरिए मिलनी हैं 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन
इंडियन एक्सप्रेस के सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान दूसरे देशों और अंतरराष्ट्रीय समझौतों के जरिए अप्रत्यक्ष तौर पर भारतीय वैक्सीनें खरीदने पर विचार कर रहा है और उसे कोरोना वैक्सीन के न्यायसंगत वितरण के लिए हुई अंतरराष्ट्रीय 'कोवैक्स' संधि के जरिए SII से कुछ खुराकें मिलनी भी हैं। हालांकि भारतीय वैक्सीनों को दूसरे देशों के जरिए खरीदने पर पाकिस्तान को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। वह भारतीय कंपनियों के साथ द्विपक्षीय समझौता करने पर भी विचार कर रहा है।
सिनोफार्म की 11 लाख खुराकें एडवांस में बुक कर चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने चीन की सिनोफार्म वैक्सीन की 11 लाख खुराकें जरूर एडवांस में बुक की हैं, हालांकि ये तय नहीं है कि ये खुराकें उसे कब मिलेंगी। इसके अलावा चीन 31 जनवरी तक पाकिस्तान को पांच लाख खुराकें गिफ्ट भी करेगा।