पाकिस्तान का नया प्रोपेगैंडा; करतारपुर गुरुद्वारे में बोर्ड पर लिखा- भारत ने यहां बरसाए थे बम
करतापुर कॉरिडोर के उद्घाटन से एक दिन पहले पाकिस्तान का नया प्रोपेगैंडा सामने आया है। दरअसल, करतारपुर साहिब गुरुद्वारा परिसर में एक बोर्ड लगाया गया है, जिसमें वाहेगुरु जी का चमत्कार लिखा गया है। इसमें दावा किया गया है कि 1971 में भारतीय वायुसेना ने श्री करतारपुर साहिब पर बमबारी की थी। हालांकि, वाहे गुरुजी की कृपा से गुरुद्वारे को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। पाकिस्तान ने इस बोर्ड के साथ एक बम भी रखा है।
नोटिस बोर्ड पर पाकिस्तान ने किया है ये दावा
इस बोर्ड पर लिखा गया है कि भारतीय वायुसेना का बम श्री खू साहिब (पवित्र कुआं) और दरबार साहिब पर गिरा था, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। यह वही पवित्र कुआं है, जहां से अपनी खेतों की सिंचाई के लिए गुरु नानक पानी लेते थे।
यहां देखिये पाकिस्तान का दावा
प्रमोशनल गाने में दिख चुकी है भिंडरावाले की फोटो
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने करतारपुर साहिब को लेकर प्रोपेगेंडा फैलाया है। इससे पहले पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर के लिए प्रमोशनल गाना जारी किया था। इस वीडियो में जरनैल सिंह भिंडरावाला, मेजर शहबेग सिंह और अमरीक सिंह खालसा के पोस्टर दिखाई दे रहे हैं। इन तीनों को जून 1984 में स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान मार गिराया गया था। नोटिस बोर्ड को लेकर अभी तक भारत की तरफ से प्रतिक्रिया नहीं आई है।
अपनी बातों से पलट रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान करतारपुर साहिब को लेकर लगातार अपनी बातों से पलट रहा है। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने घोषणा की थी कि 9 और 12 नवंबर को भारत से आने वाले श्रद्धालुओं से 20 अमेरिकी डॉलर (लगभग 1,400 रुपये) की फीस नहीं ली जाएगी। साथ ही उन्होंने इस यात्रा के लिए भारत से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया था। अब पाकिस्तान इन दोनों बातों से पलट गया है।
9 नवंबर को फीस लेगा पाकिस्तान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने कहा है कि 9 नवंबर को करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों से 20 डॉलर की फीस ली जाएगी। वहीं 12 नवंबर को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। भारत लगातार इस फीस का विरोध करता आया है, लेकिन पाकिस्तान इसे लेकर अपनी बात पर अड़ा हुआ है। इसके अलावा पाकिस्तानी सेना ने हाल ही में कहा था कि बिना पासपोर्ट भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान नहीं आने दिया जाएगा।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता बोले- सुरक्षा जरूरी, पासपोर्ट होना आवश्यक
अब पाकिस्तान की सेना ने कहा कि है पाकिस्तान में प्रवेश के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत होगी। गुरूवार को 'हम न्यूज' से बात करते हुए पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आशिफ गफूर ने कहा, "चूंकि हम सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, प्रवेश कानूनी तौर पर एक परमिट के जरिए होगा जिसके लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी। सुरक्षा और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।"
भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया साफ, पासपोर्ट की होगी जरूरत
पाकिस्तान में सरकार और सेना के इस विपरीत रुख के बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने वाले तीर्थयात्रियों को पासपोर्ट की जरूरत होगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "पाकिस्तान से आ रही रिपोर्ट्स विरोधाभासी हैं। कभी वो कहते हैं कि पासपोर्ट की जरूरत है, कभी कहते हैं कि इसकी जरूरत नहीं। हमें लगता है कि उनके विदेश मंत्रालय और बाकी एजेंसियों में मतभेद हैं।"
क्या है करतारपुर कॉरिडोर?
करतारपुर कॉरिडोर का निर्माण पाकिस्तान के नरोवाल स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे को भारत के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ने के लिए किया गया है। करतारपुर में सिखों के पहले धर्मगुरू गुरू नानक देव का निवास स्थान था और यहीं उनकी मौत हुई थी। ये सिख समुदाय के सबसे पवित्र स्थानों में से एक हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों देशों की सरकारें ने मिलकर इसका निर्माण किया है। पिछले काफी समय से इसकी मांग हो रही थी।
मनमोहन सिंह के नेतृत्व में जाएगा पहला जत्था
करतारपुर कॉरिडोर का 9 नवंबर को उद्घाटन किया जाएगा और इस दिन भारत की तरफ से 575 सदस्यीय जत्था सीमा पार कर करतारपुर जाएगा। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और हमसिमरत कौर बादल शामिल होंगे।