पापुआ न्यू गिनी: भूस्खलन में जिंदा दफन हुए 2,000 से अधिक लोग, बचाव अभियान जारी
क्या है खबर?
प्रशांत महासागर में स्थित पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 2,000 लोगों के जिंदा दफन होने की खबर है।
देश के राष्ट्रीय आपदा केंद्र ने संयुक्त राष्ट्र (UN) को पत्र लिखते हुए यह जानकारी दी है। इसमें उसने लिखा, "भूस्खलन में 2,000 से अधिक लोग जिंदा दफन हो गए और बड़ी तबाही हुई।"
घटनास्थल पर शुक्रवार से ही बचाव अभियान जारी हैं और अधिक से अधिक लोगों को जिंदा बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
हादसा
सुदूर प्रांत के ऊंचे इलाके में पहाड़ दरकने से हुआ था भूस्खलन
यह भूस्खलन शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात लगभग 3:00 बजे पापुआ न्यू गिनी के सुदूर प्रांत एन्गा के ऊंचे इलाके में हुआ था। मुंगालो नामक पहाड़ के दरकने से यह भूस्खलन हुआ।
अनुमान है कि प्रभावित इलाके में लगभग 4,000 लोग मौजूद थे। हालांकि, यह संख्या ज्यादा होने की आशंका भी जताई जा रही है क्योंकि पहाड़ी इलाकों में आदिवासी संघर्ष से बचकर बहुत सारे लोग इस इलाके में आ गए थे।
नुकसान
भूस्खलन के समय घरों में सो रहे थे लोग
भूस्खलन के समय सभी लोग सो रहे थे और जिंदा ही घर समेत मलबे में दब गए। इसके कारण इस आपदा में ज्यादा लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। 150 से अधिक घर मलबे में दबे होने की बात कही जा रही है।
कुछ इलाकों में बड़े पत्थरों, पेड़ों और धंसी हुई मिट्टी का मलबा 26 फुट तक है।
भूस्खलन के कारण हाईवे भी अवरुद्ध हो गया, जिसके कारण बचाव अभियान में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बचाव अभियान
बचावकर्मी कर रहे हरसंभव प्रयास, जमीन खिसकने से आ रही दिक्कत
इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन के प्रमुख सेरहान आक्तोप्राक ने कहा कि पीड़ितों को निकालने के लिए बचावकर्मी हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "लोग मलबा हटाने और शवों को निकालने के लिए फावड़ा, बेलचा और हर तरह के कृषि उपकरण का इस्तेमाल कर रहे हैं।"
उन्होंने कहा कि जमीन अभी भी खिसक रही है और पानी भी बह रहा है, जिस कारण बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है और बचावकर्मियों को खतरा बना हुआ है।
बयान
अस्थिर बनी हुई है स्थिति- आपदा केंद्र
पापुआ न्यू गिनी के राष्ट्रीय आपदा केंद्र ने UN को लिखे पत्र में कहा कि भूस्खलन की वजह से इमारतों और खाद्य उद्यानों की गंभीर तबाही हुई है और देश के आर्थिक जीवन रेखा पर बड़ा असर पड़ा है।
उसने कहा, "स्थिति अस्थिर बनी हुई है और जमीन लगातार धीरे-धीरे शिकर रही है, जिससे बचावकर्मियों और जिंदा बचे लोगों को खतरा है।"
उसने कहा कि तबाही के स्तर को देखते हुए सभी पक्षों से तत्काल सहयोग की जरूरत है।