बलूचिस्तान की निर्वासित प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से आजादी के लिए मांगा नरेंद्र मोदी का समर्थन
बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार की प्रधानमंत्री नायला कादरी ने पाकिस्तान के अवैध कब्जे से आजादी के लिए संयुक्त राष्ट्र (UN) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समर्थन मांगा है। कादरी ने कहा "प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा सरकार के पास आज UN में बलूचिस्तान के समर्थन में बोलने का मौका है, जो शायद कल उनके पास नहीं हो।" बता दें कि कादरी बलूचिस्तान की आजादी के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार में पूजा-अर्चना के लिए पहुंची थीं।
पाकिस्तान में बलूच लोगों पर हो रहा अत्याचार- कादरी
कादरी ने कहा, "बलूचिस्तान, जो कभी एक स्वतंत्र देश था, पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है, जो इसके खनिज संसाधनों को लूट रहा है और इसके लोगों पर हर तरह के अत्याचार कर रहा है। बलूच लड़कियों के साथ बलात्कार किया जा रहा है, घरों और बगीचों में आग लगाई जा रही है।" उन्होंने कहा, "पाकिस्तान यह काम अकेले नहीं कर रहा है। उसने बलूच लोगों पर अत्याचार करने के लिए चीन को भी शामिल कर लिया है।"
कदारी बोलीं- भारत हमारे लिए खड़ा हो तो हम उसके लिए खड़े होंगे
कदारी ने जोर देकर कहा, "अगर संयुक्त राष्ट्र में भारत बलूचिस्तान के लिए खड़ा हो तो जब हमारा देश आजाद होगा तो हम भी भारत के समर्थन में खड़े होंगे।" उन्होंने कहा, "पाकिस्तान का निर्माण हिंदू विरोधी घृणित मानसिकता के आधार पर हुआ है, इसलिए उसका कोई अस्तित्व नहीं है। इस्लाम और कुरान दोनों ही घृणा के आधार पर निर्मित किसी भी चीज को न तो स्वीकार करते हैं, न ही मजहबी मान्यता देते हैं।"
'विश्व के किसी देश ने नहीं दी बलूच सरकार को मान्यता'
कादरी ने कहा, "भारत समेत विश्व के किसी भी देश ने अभी तक बलूचिस्तान सरकार और उन्हें प्रधानमंत्री के तौर पर मान्यता नहीं दी है, जबकि साल 2016 में आपसी सहमति से बलूच लोगों ने सरकार का गठन करते हुए उन्हें अपना प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।" उन्होंने कहा, "बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का मामला साल 1971 के बांग्लादेश और साल 1948 के कश्मीर मामले से अलग है। बलूचिस्तान को इनसे अलग दृष्टिकोण, मनोवृत्ति से देखने और समझने की आवश्यकता है।"
बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन जुटा रही हैं कादरी
दरअसल, कादरी इस समय पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी के लिए समर्थन जुटाने के लिए कई देशों का दौरा कर रही हैं। इसी क्रम में वह हरिद्वार में साधु संतों से मिलने और VVIP घाट पर मां गंंगा से प्रार्थना के लिए पहुंची थीं। इस मौके पर उनके साथ डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद भी थे, जिन पर 2021 में हरिद्वार में आयोजित 'धर्म संसद' कार्यक्रम में मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।