भारत में 15 साल में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले, UN ने की प्रशंसा
क्या है खबर?
भारत में बीते 15 सालों के दौरान 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
UN ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए इसे 'उल्लेखनीय' बताया है। रिपोर्ट में UN ने कहा कि बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
UN
UN बोला- भारत का प्रदर्शन विशेष तौर पर सराहनीय
UN ने रिपोर्ट में कहा, "विशेष रूप से भारत ने गरीबी उन्मूलन के मोर्चे पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। सिर्फ 15 साल में 41.5 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।"
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सहित दुनिया के 25 देशों ने पिछले 15 साल में अपने MPI आंकड़ों को आधा किया है। इससे इन देशों में हुई प्रगति का पता चलता है। इन देशों में कंबोडिया, चीन, कांगो, होंडुरास, इंडोनेशिया, मोरक्को, सर्बिया और वियतनाम शामिल हैं।
आंकड़ों
UN ने बताया कैसे कम हुई गरीबी
UN के मुताबिक, भारत में साल 2005-06 में लगभग 64.5 करोड़ लोग गरीब थे। 2015-16 में यह संख्या घटकर लगभग 37 करोड़ पर और 2019-21 में 23 करोड़ पर आ गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में पोषण के संकेतक के आधार पर गरीबी 2005-06 के 44.3 प्रतिशत से घटकर 2019-21 में 11.8 प्रतिशत पर आ गई। इस दौरान बाल मृत्यु दर भी 4.5 प्रतिशत से घटकर 1.5 प्रतिशत रह गई।
मोर्चे
हर मोर्चे पर भारत का अच्छा प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार, गरीब और खाना पकाने के ईंधन से वंचित लोगों की संख्या 52.9 प्रतिशत से घटकर 13.9 प्रतिशत रह गई है।
2005-06 में स्वच्छता से वंचित लोगों का आंकड़ा 50.4 प्रतिशत था, जो 2019-21 में घटकर 11.3 प्रतिशत रह गया है।
इसी अवधि के दौरान पेयजल की उपलब्धता वाले लोगों की संख्या 16.4 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत रह गई है। आवास से वंचित लोगों का आंकड़ा भी 44.9 प्रतिशत से घटकर 13.6 प्रतिशत रह गया है।
हाल
क्या है बाकी देशों का हाल?
रिपोर्ट में कहा गया है कि 110 देशों के 6.1 अरब लोगों में से 1.1 अरब काफी गरीबी में रह रहे हैं।
उप-सहारा अफ्रीका में ऐसे लोगों की संख्या 53.4 करोड़ और दक्षिण एशिया में 38.9 करोड़ है। यहां दुनिया के हर 6 में से 5 गरीब लोग रहते हैं। सभी गरीब लोगों में से लगभग दो-तिहाई लोग मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।
कुल गरीब लोगों में से आधे लोगों की उम्र 18 साल से कम है।
MPI
क्या है MPI?
ग्लोबल MPI के जरिए UN दुनियाभर के 110 देशों में स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर के मानकों पर नजर रखता है। इसमें संपत्ति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता और पोषण के मामलों जैसे 10 पैमानों का विश्लेषण किया जाता है।
इसे 2010 में ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्युमन डेवलेपमेंट इनीशिएटिव (OPHI) और यूनाइटेड नेशन्स डेवलेपमेंट प्रोग्राम (UNDP) ने विकसित किया था। इसका उद्देश्य आय के अतिरिक्त लोगों के जीवन में अभावों के आधार पर गरीबी को देखना है।