
ईरान राष्ट्रपति चुनाव: शुरुआती नतीजों में कट्टरपंथी सईद जलीली ने बनाई बढ़त
क्या है खबर?
ईरान के राष्ट्रपति चुनाव के शुरुआती नतीजों में कट्टरपंथी सईद जलीली आगे चल रहे हैं।
जलीली को अब तक 42.6 लाख से ज्यादा वोट मिले हैं, जबकि सुधारवादी माने जा रहे मसूद पेजेशकिया दूसरे नंबर पर हैं। उन्हें 42.4 लाख वोट मिले हैं।
अब तक 1.30 करोड़ वोटों की गिनती हो चुकी है।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत के बाद ईरान में राष्ट्रपति चुनाव हो रहे हैं।
चुनाव
हो सकते हैं रन-ऑफ चुनाव
बता दें कि अगर किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत वोट नहीं मिलते हैं तो शीर्ष 2 उम्मीदवारों के बीच रन-ऑफ चुनाव यानी दोबारा से मतदान करवाया जाएगा।
ईरान की तस्नीम समाचार एजेंसी ने कहा कि इसकी बहुत ज्यादा संभावना है कि रन-ऑफ चुनाव करवाए जाएं, क्योंकि पूर्वानुमानों में कोई भी उम्मीदवार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट पाता नहीं दिख रहा है।
अब तक शीर्ष पर चल रहे दोनों उम्मीदवारों को 42 प्रतिशत के आसपास वोट मिले हैं।
मतदान
कम हुआ था मतदान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईरान में मतदान 40 प्रतिशत के आसपास हुआ, जो काफी कम है।
2021 के राष्ट्रपति चुनाव में 48 प्रतिशत और मार्च में संसदीय चुनाव में 41 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो सबसे कम मतदान का रिकॉर्ड था।
बता दें कि ईरान में 60.5 करोड़ वैध मतदाता हैं। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने लोगों से अधिकतम मतदान का आह्वान किया था, लेकिन उनकी अपील असर करती नहीं दिखाई दे रही है।
उम्मीदवार
कौन-कौन हैं मुख्य उम्मीदवार?
राष्ट्रपति चुनावों में 80 लोगों ने दावेदारी पेश की थी, जिनमें से मात्र 6 लोगों के आवेदन स्वीकार किए गए।
इनमें से भी 2 ने अपना नाम वापस ले लिया, जिसके बाद अब केवल 4 उम्मीदवार मैदान में रह गए हैं।
इनमें जलीली, कट्टरपंथी संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कालीबाफ, शिया धर्मगुरु मुस्तफा पूरमोहम्मदी और मसूद पेजेशकिया हैं। कालीबाफ को लगभग 13 लाख, जबकि पूरमोहम्मदी को करीब 80,000 वोट मिले हैं।
जलीली
कौन हैं सईद जलीली?
सबसे आगे चल रहे सईद जलीली राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के पूर्व सचिव रहे चुके हैं। वह ईरान के प्रमुख परमाणु वार्ताकार भी रह चुके हैं।
उन्होंने पश्चिमी देशों और ईरान के बीच परमाणु हथियारों को लेकर हुई बातचीत में अहम भूमिका निभाई थी।
चुनावों में उन्हें सरकार प्रायोजित उम्मीदवार बताया जा रहा है, क्योंकि उन्हें सुप्रीम लीडर खामेनेई के काफी करीबी माना जाता है। उनकी पहचना कट्टरपंथी नेता के तौर पर होती है।
रईसी
हेलीकॉप्टर हादसे में हुआ था रईसी का निधन
ईरान के पूर्व राष्ट्रपति रईसी का 19 मई को एक हेलीकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। उनके साथ 7 अन्य लोगों की भी मौत हो गई थी।
रईसी एक बांध का उद्घाटन करने अजरबैजान गए हुए थे। यहां से लौटते हुए तेहरान से करीब 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान प्रांत की सीमा पर जोल्फा के पास उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
रईसी के निधन के बाद प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया था।