इब्राहिम रईसी: धार्मिक नेता और वकील से लेकर ईरान के राष्ट्रपति बनने तक का सफर
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया है। वे विदेश मंत्री और दूसरे कई लोगों के साथ अजरबैजान में एक बांध का उद्घाटन करने गए थे। यहां से लौटते वक्त खराब मौसम के चलते उनका हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। ईरान के लिए रईसी का जाना बड़ा नुकसान है, क्योंकि उन्हें देश का अगला सर्वोच्च लीडर माना जा रहा था। आइए जानते हैं कि रईसी कौन थे।
कैसा रहा शुरुआती जीवन?
रईसी का जन्म 1960 में ईरान के मशहद शहर में हुआ था। यहीं पर शिया मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र मानी जाने वाली मस्जिद भी है। छोटी उम्र से ही रईसी ने मदरसे में पढ़ाई शुरू कर दी और कई मुस्लिम विद्वानों से शिक्षा प्राप्त की। छात्र जीवन में ही रईसी ने पश्चिमी देशों से समर्थित मोहम्मद रेजा शाह के खिलाफ प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। 20 साल की उम्र में ही उन्हें कराज का महा-अभियोजक नियुक्त किया गया था।
पैगंबर मोहम्मद के वंशज हैं रईसी
अयातुल्लाह अली खामेनेई द्वारा प्रशिक्षित होने के कारण रईसी कम उम्र में ही कई शहरों में बतौर अभियोजक नियुक्त किए गए। तेहरान में रईसी जब अभियोजक बने, तब उनकी उम्र मात्र 25 साल थी। साल 2019 में रईसी को न्यायपालिका प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। वे 2 साल तक ईरान के मुख्य न्यायाधीश रहे। रईसी पैंगबर मोहम्मद के वंशज है। उनके द्वारा पहनी जानी वाली शिया परंपरा की काली पगड़ी इस बात का प्रतीक है।
अमेरिका ने लगाया था प्रतिबंध
साल 1988 में ईरान-इराक युद्ध के बाद हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक तौर पर फांसी दी गई थी। इन कैदियों में से अधिकतर ईरान में वामपंथी और विपक्षी समूह मुजाहिदीन-ए-खल्का (MEK) या पीपुल्स मुजाहिदीन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ ईरान (PMOI) के सदस्य थे। रईसी फांसी देने वाले आयोग में शामिल थे। इस वजह से अमेरिका ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अगले ही साल वे राजधानी तेहरान के अभियोजक नियुक्त किए गए।
2017 में हार गए थे राष्ट्रपति चुनाव
रईसी ने 2017 में पहली बार राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ा था। हालांकि, तब उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति हसन रूहानी से हार का सामना करना पड़ा था। 2021 में उन्होंने चुनावों में जीत दर्ज की और राष्ट्रपति बने। तब उन्हें 62 प्रतिशत वोट मिले थे। इस चुनाव में कई उम्मीदवारों को खड़ा नहीं होने दिया गया, जिसके चलते बेहद कम मतदान हुआ। इन चुनावों के नतीजों को भी विवादित माना जाता है।
कैसा रहा रईसी का राष्ट्रपति कार्यकाल?
बतौर राष्ट्रपति रईसी का कार्यकाल उथल-पुथल भरा रहा। 2022 में ईरान की नैतिकता पुलिस की हिरासत में महसा अमिनी की मौत पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा। महिलाओं ने अपने हिजाब उतार दिए या जला दिए। प्रदर्शनों ने ईरान को हिलाकर रख दिया। उनके कार्यकाल के दौरान, ईरान ने यूरेनियम संवर्धन तेज कर दिया, यूक्रेन युद्ध में रूस का समर्थन किया, इजरायल पर हमला किया और हिजबुल्लाह जैसे समूहों को हथियार देना जारी रखा।