ईरान ने इजरायल के लिए जासूसी करने के 4 दोषियों को फांसी दी
क्या है खबर?
ईरान ने इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी करने के 4 दोषियों को सोमवार तड़के सुबह फांसी दे दी। देश की न्यायिक वेबसाइट मीजान ऑनलाइन ने यह जानकारी दी है।
इससे पहले ईरान के सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की अपील को खारिज कर दिया था।
बता दें कि पिछले साल अगस्त में दोषियों को गिरफ्तार किया गया था और 27 सितंबर को उन्हें कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी।
आरोप
क्या हैं आरोप?
रिपोर्ट के अनुसार, इन दोषियों ने इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र से अवैध रूप से ईरानी क्षेत्र में प्रवेश कर मिसाइल उत्पादन से संबंधित रक्षा मंत्रालय के एक संयंत्र को उड़ाने की साजिश रची थी।
दावा है कि यह आरोपी इजरायल के मोसाद के कहने पर इस ऑपरेशन को साल 2022 की गर्मियों में अंजाम देने वाले थे, लेकिन ईरान की खुफिया एजेंसी इसे टालने में कामयाब रही।
इन सभी दोषियों को इराक के कुर्द क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था।
दोषी
कौन हैं मौत की सजा पाने वाले 4 दोषी?
मोहम्मद फरामरजी, मोहसिन मजलूम मोहम्मद, वफा अजरबार और पेजमैन फतेही वो दोषी हैं, जिन्हें फांसी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, फरामरजी टीम का प्रमुख था और मोहसिन को पूरे ऑपरेशन में मदद करने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इसके अलावा अजरबार को योजना के तहत बम रखना था और फतेही को ऑपरेशन के लिए लक्ष्य तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
इससे पहले भी ऐसे ऑपरेशन को अंजाम देने के आरोप में मोसाद के लोग गिरफ्तार हुए हैं।
सजा
क्या थी योजना और कैसे मिली सजा?
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साजिश के तहत संयंत्र को उड़ाने के लिए कई बम धमाकों की योजना थी और इस ऑपरेशन की निगरानी खुद मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया व्यक्तिगत रूप से कर रहे थे।
हालांकि, पकड़े जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हुई और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी कोर्ट ने उन्हें मौत की सजा सुनाई।
आरोपियों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की, लेकिन कोर्ट ने यह खारिज कर दी।
जानकारी
पिछले साल भी 4 दोषियों को दी गई थी फांसी
बता दें कि पिछले साल भी ईरान ने इजरायल से संबंधित एक समूह के 4 सदस्यों को फांसी की सजा दी थी। इनके नाम हनारेह, अराम ओमारी और रहमान परहाजो और नसीम नमाजी थे। इन पर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप थे।
दुश्मनी
इजरायल और ईरान है एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन
दरअसल, ईरान और इजरायल के बीच कट्टर दुश्मनी है। 1979 में ईरानी क्रांति के नेता अयातुल्ला खुमैनी ने इजरायल को "इस्लाम का दुश्मन" घोषित किया था और सभी संबंधों को तोड़ लिया था।
इजरायल ईरान पर परमाणु हथियार बनाने के आरोप लगाता है और उसे परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए सभी विकल्पों को खुला रखे हुए है।
अभी गाजा पट्टी के आतंकी संगठन हमास के साथ इजरायल के युद्ध के कारण स्थिति और तनावपूर्ण बनी हुई है।