पाकिस्तान: इमरान खान को कोर्ट से बड़ा झटका, रद्द हुई पाबंदी के खिलाफ दायर याचिका
क्या है खबर?
चुनाव लड़ने से अयोग्य ठहराए जा चुके पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।
दरअसल, चुनाव आयोग की तरफ से अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए खान ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उनका कहना था कि चुनाव आयोग के पास भ्रष्टाचार के आधार पर किसी को अयोग्य ठहराने की शक्ति नहीं है। इसलिए यह फैसला खारिज किया जाए, लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी याचिका ठुकरा दी।
पृष्ठभूमि
चुनाव आयोग ने क्यों की कार्रवाई?
पाकिस्तानी चुनाव आयोग ने खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए गैरकानूनी तरीके से संपत्ति जमा करने और सरकारी तोहफे बेचने का आरोप लगाया है। आयोग ने कहा कि खान ने जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया है और उन्होंने अपने हलफनामे में गलत जानकारी दी है।
इन आरोपों पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने इमरान खान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी है। इस दौरान वह कोई सरकारी पद भी नहीं ले पाएंगे।
जानकारी
पाबंदी की अवधि पर सस्पेंस
चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद पाबंदी की अवधि पर सस्पेंस बना हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह साफ नहीं है कि क्या यह पाबंदी संसद के मौजूदा कार्यकाल तक बनी रहेगी या इस पाबंदी की शुरुआत फैसला आने के दिन से हुई है और यह अगले पांच साल तक जारी रहेगी।
बता दें कि चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ ही इमरान खान की संसद सदस्यता भी समाप्त हो गई है।
आरोप
इमरान पर लगे ये आरोप
2018 में पाकिस्तान की सत्ता संभालने वाले इमरान को आधिकारिक यात्राओं पर महंगे गिफ्ट मिले थे, जिन्हें सरकारी तोशाखाना में जमा करवा दिया गया था।
बाद में इमरान ने यहां से सस्ती कीमत पर ये गिफ्ट खरीदे और महंगी कीमत पर दोबारा बेच दिए। इन गिफ्ट्स में महंगे पेन, अगूंठी और रॉलैक्स की घड़ियों समेत कई चीजें थीं।
70 वर्षीय इमरान पर इस बिक्री से हुई कमाई पर टैक्स ना देने का आरोप भी लगा है।
जानकारी
अगस्त में खान के खिलाफ दर्ज हुई थी FIR
इससे पहले अगस्त में खान के खिलाफ आतंकवाद-विरोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था। एक रैली में पुलिस अधिकारियों और एक महिला जज को धमकाने के लिए उनके खिलाफ यह FIR दर्ज हुई थी।
दरअसल, खान ने देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद उनके सहयोगी शहबाज गिल को प्रताड़ित करने के लिए इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख, एक महिला जज, चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केस दायर करने की धमकी दी थी।
इमरान सरकार
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
इस साल मार्च में कई पार्टियों के समर्थन वापस लेने और कुछ नेताओं की बगावत के बाद इमरान खान की सरकार अल्पमत में आ गई थी।
10 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में 174 सांसदों ने इमरान सरकार के खिलाफ वोट डाला जो बहुमत के आंकड़े से दो अधिक था और इसी के साथ उनकी सरकार गिर गई थी।
प्रधानमंत्री पद गंवाने वाले खान ने सांसदी से भी इस्तीफा दे दिया था, जो मंजूर नहीं हुआ था।